जमशेदपुर: डीएवी बिष्टुपुर स्कूल में ऑल इंडिया प्री मेडिकल टेस्ट (एआइपीएमटी) परीक्षा के दौरान तीन मुन्ना भाई पकड़े गये. वे फिल्मी अंदाज में मेडिकल प्रवेश परीक्षा में मोबाइल और ब्ल्यू टूथ डिवाइस के जरिये नकल करने पहुंचे थे. इनमें एक परीक्षार्थी डीएवी बिष्टुपुर स्कूल के गेट पर ही चेकिंग के दौरान पकड़ा गया, जबकि दो […]
जमशेदपुर: डीएवी बिष्टुपुर स्कूल में ऑल इंडिया प्री मेडिकल टेस्ट (एआइपीएमटी) परीक्षा के दौरान तीन मुन्ना भाई पकड़े गये. वे फिल्मी अंदाज में मेडिकल प्रवेश परीक्षा में मोबाइल और ब्ल्यू टूथ डिवाइस के जरिये नकल करने पहुंचे थे. इनमें एक परीक्षार्थी डीएवी बिष्टुपुर स्कूल के गेट पर ही चेकिंग के दौरान पकड़ा गया, जबकि दो अन्य परीक्षार्थी चकमा देकर परीक्षा हॉल तक पहुंच चुके थे. लेकिन बाद में गहन जांच के बाद उन्हें भी पकड़ लिया गया.
पुलिस ने तीनों परीक्षार्थियों के पास से मोबाइल, ब्ल्यू टूथ, हेड फोन समेत कई अन्य सामान को जब्त किया है. इस मामले में डीएवी बिष्टुपुर स्कूल की प्रिंसिपल प्रज्ञा सिंह के बयान पर बिष्टुपुर थाने में तीनों आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है. बिष्टुपुर पुलिस तीनों से पूछताछ कर रही है, पूछताछ के बाद सबों को जेल भेज दिया जायेगा. गिरफ्तार युवकों में धनंजय यादव (छपरा), शशि शेखर ( नवादा ) और कैसे पकड़े गये : एआइपीएमटी की परीक्षा सुबह 10 बजे शुरू होनी थी, लेकिन इससे पहले ही सभी परीक्षार्थियों को परीक्षा हॉल में प्रवेश करवाया जा रहा था. परीक्षा हॉल में प्रवेश से पूर्व स्कूल के गेट पर ही सभी की जांच हो रही थी. इस जांच में बिष्टुपुर के दारोगा मो कुद्दूस और खुद प्रिंसिपल प्रज्ञा सिंह मौजूद थे. दोनों ने धनंजय नामक परीक्षार्थी को शक के आधार पर पकड़ा. जब उसकी जांच की गयी, तो इसके पास एक ब्ल्यू टूथ डिवाइस मिला. उससे सख्ती से पूछताछ की गयी.
इसके बाद उसने बताया कि इस इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस के जरिये उसे मोबाइल फोन पर प्रश्नों के सही जवाब बताये जाते. जवाब बताने वाले अपने घर से ही धनंजय को जवाब बताते. इतना बताने के बाद धनंजय बेहोश हो गया. इसके बाद बिष्टुपुर पुलिस उसे इलाज के लिए टीएमएच लेकर गयी. इसके बाद डीएवी बिष्टुपुर स्कूल के शिक्षकों के साथ ही पुलिस की टीम ने गहनता से एक-एक परीक्षार्थी की जांच शुरू की. जांच में दो अन्य परीक्षार्थी मो शब्बीर और शशि शेखर भी पकड़े गये. दोनों के पास से मोबाइल और ब्ल्यू टूथ मिले.
भोपाल से मनीष कर रहा था ऑपरेट : पूछताछ के दौरान तीनों ने बताया कि इस पूरे खेल का मास्टर माइंड मनीष शर्मा है. वह भोपाल में रहता है. वहीं से तीनों युवकों को ऑपरेट कर रहा था. तीनों ने पूछताछ के दौरान पुलिस को बताया कि इसमें एक बड़ा गिरोह सक्रिय है. सभी मोबाइल और ब्ल्यू टूथ डिवाइस के जरिये परीक्षार्थी को प्रश्नों के सही जवाब बताते. पूछताछ के दौरान पुलिस को जानकारी मिली है कि गिरोह के सभी सदस्य बिहार के रहनेवाले हैं, लेकिन वे भोपाल और बेंगलुरू से इसे ऑपरेट करते हैं.
तीन पकड़े गये, लेकिन दूसरे स्थानों का अता-पता नहीं : तीनों आरोपियों ने बताया कि वे मनीष को काफी समय से जानते थे. उसके साथ कुछ और लोग भी इस गिरोह में शामिल हैं. मनीष ने देश के कई परीक्षार्थियों को मोबाइल के साथ ही ब्ल्यू टूथ के जरिये नकल करवाने का ठेका लिया था. डीएवी बिष्टुपुर से तीन परीक्षार्थी पकड़े गये. लेकिन अन्य परीक्षार्थियों ने परीक्षा दी और उन्हें नकल करवाने में मनीष मदद कर सका या नहीं, इसके बारे में अब तक कोई जानकारी नहीं मिल पायी है. हालांकि बिष्टुपुर पुलिस मनीष तक जाल बिछाने की तैयारी कर रही है, ताकि पूरे गिरोह का परदाफाश हो सके.
पुलिस ने तीन छात्रों के पास से इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस बरामद किया है. इनसे पूछताछ की जा रही है. कोई संगठित रूप से गिरोह का संचालन कर रहा था और मेडिकल की परीक्षा में नकल करवाता था. पूछताछ के बाद सभी को जेल भेज दिया जायेगा. जंसिता करकेट्टा, डीएसपी,सीसीआर
25-25 हजार दिये थे एडवांस : परीक्षा पास कराने के लिए गिरोह ने 12 लाख रु पये का सौदा किया था. लिखित परीक्षा के लिए तीनों परीक्षार्थियों ने 25-25 हजार रु पये दिये थे. पूछ ताछ के दौरान तीनों ने बताया कि मनीष और उसके गिरोह के सदस्यों ने बताया था कि पिछले साल भी उनलोगों ने इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस के जरिये कई परीक्षार्थियों को नकल करवाया था और सभी आज मेडिकल कॉलेजों में मेडिकल की पढ़ाई कर रहे हैं. परीक्षा पास करने के बाद पूरी रकम देने का सौदा हुआ था.