जमशेदपुर: टाटा वर्कर्स यूनियन के संविधान संशोधन कमेटी ने अपनी रिपोर्ट अध्यक्ष पीएन सिंह को सौंप दी है. कमेटी ने जो फामरूला तय किया है, उसके मुताबिक अब इंटक के राष्ट्रीय अध्यक्ष जी संजीवा रेड्डी भी टाटा वर्कर्स यूनियन के कभी अध्यक्ष नहीं बन सकेंगे. संविधान संशोधन कमेटी ने को-ऑप्सन (बाहरी व्यक्ति को अध्यक्ष बनाने की प्रक्रिया) के लिए यह मानक तय कर दिया है कि को-ऑप्सन सिर्फ पूर्व पदाधिकारी या पूर्व सदस्य (पूर्व टाटा स्टील कर्मचारी) का ही हो सकेगा, किसी अन्य का नहीं. इससे पहले संविधान में इस बात का उल्लेख था कि कोई भी बाहरी को अगर कमेटी मेंबर चाहेंगे तो को-ऑप्सन कर सकते हैं.
इसी पुराने संविधान के तहत ही अब तक एसएन हलधर, सीएफ एंड्रूज, नेताजी सुभाष चंद्र बोस, प्रोफेसर अब्दुल बारी, माइकल जॉन (सबसे अधिक समय तक अध्यक्ष रहने वाले), वीजी गोपाल, एसके बेंजामिन जैसे नेता टाटा वर्कर्स यूनियन का प्रतिनिधित्व कर चुके थे. अब इसमें बदलाव का सुझाव दिया गया है.
संविधान संशोधन के साथ सीट निर्धारण को भी अंतिम रूप देने की कोशिश की गयी, लेकिन बढ़ते विवाद के बाद इसे ड्रॉप कर दिया गया और इसको नहीं सौंपा गया. इससे पूर्व बुधवार को संविधान संशोधन कमेटी की बैठक 11 बजे सुबह में डायरेक्टर्स बंगला में शुरू हुई.बैठक में अध्यक्ष पीएन सिंह को भी बुला लिया गया था. अध्यक्ष को कहा गया कि संविधान संशोधन करने के लिए जो प्रारूप तैयार करने के लिए बोला गया था, उसको तैयार कर चुके हैं अगर वे कुछ बदलाव चाहते हैं तो लैपटॉप से स्क्रीन पर देख लें और सुझाव दे सकते हैं. इस पर अध्यक्ष ने कहा कि पहले प्रस्ताव दे दीजिये, उसके बाद फिर वे सबको पढ़कर अपना फाइनल ड्राफ्ट तैयार करेंगे.
इसके बाद वे चले गये. फिर बैठक चलती रही. लेकिन अध्यक्ष पीएन सिंह के कहने पर सहायक सचिव आरके सिंह फिर से शामिल हो गये .इस्तीफा को नामंजूर कर दिया गया. आरके सिंह ने पिछले दिनों संविधान संशोधन कमेटी से इस्तीफा दे दिया था. आरके सिंह पूरी बैठक में रहे. रात करीब साढ़े आठ बजे संविधान संशोधन के प्रारूप को फाइनल किया गया और फिर इसे सहायक सचिव आरके सिंह को अध्यक्ष को सौंपने के लिए दे दिया गया. अध्यक्ष को आरके सिंह ने देर रात को प्रारूप सौंप दिया.