संवाददाता, किरीबुरूसारंडा के विभिन्न गांवों में सेल द्वारा दशकों पूर्व बनाये गये 56 कुओं की साफ-सफाई व मरम्मत की मांग ग्रामीणों द्वारा की जा रही है. छोटानागरा निवासी सुशेन गोप ने कहा कि सारंडा के गांवों में चापाकल सफल नहीं हो पा रहा है. जिस वजह से गरमी के मौसम में पेयजल संकट गहरा रहा है. सरकार व विभिन्न खदान प्रबंधनों द्वारा लगाये गये चापाकल जल्द खराब हो जा रहे हैं. जो ठीक है भी तो उसका पानी पीने योग्य नहीं रहता. क्योंकि बरतन में कुछ देर रखने के बाद पानी लाल हो जाता है. इससे बेहतर कुआं का पानी है. सरकार या प्रबंधन तमाम कुओं की साफ-सफाई करा कर पीने योग्य बनवाये. क्योंकि पिछले 20-30 वर्षों से कुआं की साफ-सफाई नहीं हुई है.
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चापाकल जल्द खराब हो जा रहे हैं
संवाददाता, किरीबुरूसारंडा के विभिन्न गांवों में सेल द्वारा दशकों पूर्व बनाये गये 56 कुओं की साफ-सफाई व मरम्मत की मांग ग्रामीणों द्वारा की जा रही है. छोटानागरा निवासी सुशेन गोप ने कहा कि सारंडा के गांवों में चापाकल सफल नहीं हो पा रहा है. जिस वजह से गरमी के मौसम में पेयजल संकट गहरा रहा […]
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