जमशेदपुर: पूर्व मंत्री दुलाल भुइयां के भुइयांडीह स्थित घर पर शनिवार की रात नक्सली हमले की घटना पुलिस जांच में ड्रामे के रूप मंे सामने आयी. एसएसपी रिचर्ड लकड़ा ने कहा कि नाइट गार्ड बिगेन पासवान के बयान के आधार पर दुलाल भुइयां के घर पर नक्सली हमले की बात कही गयी थी. मगर गार्ड ने पूछताछ में कहा कि पिटाई और नौकरी जाने के डर से उसने नक्सली अटैक की कहानी गढ़ी थी. रविवार की सुबह दुलाल ने कहा था कि रात 2.33 बजे नक्सली उन्हें खोजते हुए उनके घर पर धावा बोला था. उनके नहीं मिलने पर उनके भाई के घर का दरवाजा खटखटाया. फिर नाइट गार्ड को उठा कर ले गये. पटमदा जानेवाले मार्ग में नहर किनारे 50-60 हथियारबंद नक्सलियों ने उनकी दैनिक गतिविधियों के बारे मंे पूछताछ की. इसके बाद गार्ड को छोड़ दिया. श्री भुइयां ने कहा कि पुलिस प्रशासन मामले की लीपापोती कर रहा है.
घटनाक्रम पर उठते सवाल
1) दुलाल भुइयां ने कहा कि रात 2.33 बजे उनके भाई बलदेव भुइयां ने फोन कर बताया कि कोई उसके दरवाजे को खटखटा रहा है. अगर नाइट गार्ड ने झूठी कहानी बतायी, तो बलदेव के घर का दरवाजा किसने खटखटाया?
2) दुलाल भुइयां ने लिखित शिकायत में कहा है कि 9 अगस्त को नक्सली बताते हुए उन्हें जान से मारने की धमकी दी गयी. अगर उन्हें खतरा था तो वह 24 अगस्त को पुलिस को सूचना दिये बिना बोड़ाम कैसे गये? वहां धरना में कैसे शामिल हुए. एसएसपी ने कहा कि दुलाल चांडिल होते हुए बोड़ाम गये थे, लेकिन इसकी सूचना नहीं दी थी, दुलाल के अनुसार उनके सेक्रेटरी अखिलेश महतो ने पत्र लिख कर सूचना दी थी.
3) दुलाल के अनुसार नाइट गार्ड सुबह 5. 30 बजे लौटा. वहीं एसएसपी ने कहा कि आठ से साढ़े आठ बजे के बीच दुलाल भुइयां ने सूचना दी. सूचना देने मंे तीन घंटे क्यों लगे?
हमले की बात गलत : एसएसपी
इधर दिन भर की जांच पड़ताल के बाद शाम में एसएसपी रिचर्ड लकड़ा ने कहा कि दुलाल के घर पर हमले की बात गलत है. एसएसपी ने कहा कि गार्ड ने स्वीकारा है कि उसने गलत कहानी गढ़ी थी. इस दौरान गार्ड भी मौजूद था. उन्होंने ेडीएसपी वीरेंद्र प्रसाद एवं सीतारामडेरा थाना प्रभारी से जानकारी ली. दोनों को घटना की जानकारी नहीं दी गयी थी. एसएसपी ने कहा कि राजनीतिज्ञ से जुड़ा मामला होने के कारण इसकी गंभीरता से जांच की गयी. जांच में हमले की बात गलत पायी गयी. श्री लकड़ा ने कहा कि नाइट गार्ड शनिवार को नौकरी की तलाश में परसुडीह चला गया था. डयूटी में पूछने पर बच्चे की तबीयत खराब होने की कहानी बता दी. उसे सौ रुपये देकर बॉडीगार्ड का खाना मंगवाया गया. भोर तीन बजे गार्ड पुन: घर चला गया और सुबह विलंब से लौटा. नौकरी में परेशानी होने के डर से उसने नक्सली अटैक की कहानी गढ़ दी.
लीपापोती नहीं करे प्रशासन : दुलाल
इधर दुलाल भुइयां ने कहा कि उनके घर पर नक्सलियों के आने की घटना शत- प्रतिशत सही है. पुलिस -प्रशासन इस घटना की लीपापोती नहीं करे, नहीं तो जनता का पुलिस पर से विश्वास उठ जायेगा. उन्होंने कहा कि 9 अगस्त को उन्हें धमकी दी गयी थी. इसकी सूचना एसएसपी को दी थी. पुन: उनके घर पर हमला हुआ. गार्ड ने सभी के सामने नक्सलियों द्वारा अपहरण करने की बात कही. बाद मंे पुलिस दबाव में संभवत: उसने बयान बदल दिया? श्री भुइयां ने सवाल उठाया है कि क्या वे और उनके भाई बलदेव पागल हैं. एसएसपी बताये कि रात 2. 33 बजे बलदेव के घर का दरवाजा किसने तोड़ने का प्रयास किया था. दुलाल भुइयां के अनुसार मामला गंभीर है. प्रशासन उच्च स्तरीय जांच करे या इसकी सीबीआइ जांच कराये.
नाइट गार्ड बिगेन पासवान छायानगर में रहता है. वह मूल रूप से गया जिले के कोच थाना अंतर्गत अदई बारी का रहनेवाला है. उसने कहा कि वह रात लगभग 2.25 बजे दुलाल भुइयां के घर के गेट के पास कुरसी पर बैठा था. अचानक दरवाजा खटखटाते हुए किसी ने दादा ( दुलाल भुइयां) से मिलने के लिए दरवाजा खोलने की बात कही. उसने कहा कि दादा तीन दिनों से रांची में हैं. इसलिए बातचीत संभव नहीं है. इनकार करने पर एक व्यक्ति गेट फांद कर अंदर घुसा और गेट खोल दिया, जिसके बाद दो हथियारबंद लोग अंदर आ गये. एक ने उन्हें कब्जे मंे ले लिया. दो लोग गली में खड़े हो गये. इसके बाद दो लोग बलदेव भुइयां के घर का दरवाजा खटखटाने लगे. कुछ देर बाद उसे लेकर वे मेन रोड पर आ गये. वहां चार लोग खड़े थे. ड्राइवर ने कार स्टार्ट कर रखी थी. सभी लोग हथियार लिए हुए थे. उसे कार में बिठा कर मानगो पुल की ओर ले गये. इसके बाद पुराना पुरुलिया रोड होते हुए चेपापुल के पास मेन रोड पर निकले. वहां से पारडीह काली मंदिर होते हुए पटमदा रोड में नहर के पास ले गये. वहां से जंगल में ले जाया गया. वहां 50 से 60 नक्सली हथियार लिये हुए थे. सभी काली वरदी में थे. वहां एक नक्सली ने दुलाल भुइयां की गतिविधियों के बारे में जानकारी ली. सुबह में उसे पारडीह काली मंदिर के पास छोड़ दिया. जिसके बाद वह टेंपो से दुलाल भुइयां के आवास पर पहुंचे.
जेल जाने के डर से झूठ बोला था
एसएसपी की उपस्थिति में नाइट गाड ने कहा कि दादा (दुलाल भुइयां) के घर नक्सली अटैक जैसा कुछ नहीं हुआ था. शनिवार की रात वह नौ बजे डयूटी से घर आ गया था. फिर 10 बजे डयूटी मंे लौटा था. लोगों ने पूछताछ की, तो कह दिया कि बच्चा बीमार है. रात एक बजे के बाद दादा के घर में सभी सो गये. लगभग तीन बजे वह अपने घर पर आ गया. घर में नींद लग गयी. सुबह उठने मंे देर हो गयी. जब वह दादा के घर पहुंचा, तो सभी लोग बैठे हुए थे. पूछा कि रात मंे कहां थे. साथ ही झूठ बोलने पर जेल भेजवाने की धमकी दी, तो उसने नक्सली हमले की कहानी गढ़ दी. बलदेव भुइयां के घर का दरवाजा किसने खटखटाया था, यह पूछे जाने पर गार्ड ने कहा कि भोर तीन बजे तक वह दादा के घर मंे था, तब तक ऐसा कुछ नहीं हुआ था.
झूठ सामने आने पर कहा सचत्रडीएसपी वीरेंद्र प्रसाद के नेतृत्व मंे पुलिस टीम नाइट गार्ड को लेकर उस जंगल में गयी. जिस स्थान पर गार्ड पुलिस को ले गया, वहां मात्र 10-15 लोगों के खड़ा होने लायक जगह थी. बारिश होने के बावजूद घास दबा हुआ नहीं था. बाइक से लाने, ले जाने की बात नाइट गार्ड ने कही थी, जबकि बारिश होने के कारण साइकिल के चक्के के निशान मिले. बाइेक का निशान नहीं मिला. इस जांच पड़ताल से नाइट गार्ड टूट गया और उसे सही बात पुलिस को बता दी.