जमशेदपुर: परसुडीह, शीतला चौक स्थित शांतनु मेडिकल में ढ़ाई वर्षीय रघुनाथ दास की समय पर इलाज नहीं होने से मौत हो गयी. घटना गुरुवार अपराह्न् चार बजे की है. जिसके बाद बच्चे के परिजनों और स्थानीय लोगों ने जम कर हंगामा मचाया और तोड़फोड़ की. सूचना पाकर डीएसपी कन्हैया उपाध्याय, परसुडीह थाना प्रभारी पहुंचे.
वहीं मेडिकल के मालिक विमल कुमार सिन्हा भी मौके पर पहुंचे. मृतक की ओर से आजसू के कार्यकर्ताओं और स्थानीय लोगों ने मुआवजे की मांग की. जिसके बाद मेडिकल प्रबंधन ने अपनी गलती स्वीकारी तथा मृतक के परिजन को तीन लाख रुपये बतौर मुआवजा देने के लिए राजी हुई. एक लाख रुपये तत्काल दे दिये. पांच दिनों के अंदर बाकी के दो लाख रुपये देने पर सहमति बनी. उधर पुलिस ने इलाज में विलंब करने वाले डॉ सीतेश दास को परसुडीह थाना ले आयी थी, जहां से उन्हें छोड़ दिया गया. मृतक के परिजनों द्वारा किसी तरह का मामला दर्ज नहीं कराया गया है.
क्या था मामलात्नपरसुडीह, सोनकरपाड़ा निवासी दुलाल दास ढ़ाई वर्षीय पुत्र रघुनाथ की तबीयत खराब होने के कारण उसे इलाज के लिए शांतनु मेडिकल में लेकर पहुंचे. जहां उन्हें टोकन दिया गया. जिसका नंबर नौ था. रघुनाथ के परिजन अपनी बारी की प्रतीक्षा कर रहे थे. इसी दौरान रघुनाथ अचानक जोर-जोर से हांफने लगा. रघुनाथ की मां ने मेडिकल के कर्मचारी को बच्चे के गंभीर होने की बात कह कर तत्काल चिकित्सक के पास ले जाने को कहा, लेकिन कर्मचारी ने नंबर आने पर जाने देने की बात कही. इस बीच बच्च अचेत होने लगा, तो महिला सीधे चिकित्सक के कक्ष में पहुंची, जहां डॉक्टर ने उसे ऑक्सीजन दिया, जिससे बच्च छटपटाने लगा. डॉक्टर ने उसका ऑक्सीजन का मास्क निकाल दिया तथा परिजनों से कहा कि शुक्रवार को उसका खून जांच करेंगे, कुछ दवाइयां भी लिख कर दी. मेडिकल से दवा खरीदते समय अचानक रघुनाथ की मां ने देखा कि बच्चे के शरीर में कोई हरकत नहीं हो रहा है तो वह तत्काल चिकित्सक के पास दोबारा पहुंची. जहां चिकित्सक ने जांच कर बच्चे को मृत घोषित कर दिया.