– साकची स्थित एक होटल में स्वाइन फ्लू पर गोष्ठी का आयोजन संवाददाता, जमशेदपुर सर्दी व बुखार से ग्रसित बच्चों को ही स्वाइन फ्लू हो यह जरूरी नहीं है. मधुमेह या कमजोर बच्चों को स्वाइन फ्लू जैसी बीमारी अधिक प्रभावित करती है. उक्त बातें आइएपी (इंडियन एकेडमी ऑफ पेडियाट्रिक्स) की जमशेदपुर शाखा की ओर से साकची स्थित एक होटल में स्वाइन फ्लू पर आयोजित एक गोष्ठी में डॉ मोहन कुमार ने कही. इस दौरान आइएपी के सदस्य चिकित्सकों ने बदलते मौसम में इंफ्लूएंजा, स्वाइन फ्लू और इससे बचाव के टीके के संबंध में चर्चा की. डॉक्टरों ने कहा कि शिशु को जन्म के छह व सात महीने में एक-एक इंफ्लूएंजा का टीका और हर वर्ष एक टीका लगाकर स्वाइन फ्लू की चपेट में आने से बचाया जा सकता है. इस दौरान डॉक्टर के के चौधरी ने उपस्थित डॉक्टरों को स्वाइन फ्लू के इलाज की जानकारी दी. डॉक्टरों ने मनायी होली गोष्ठी के बाद डॉक्टरों ने होली मिलन समारोह का आयोजन किया. इस दौरान सभी ने एक दूसरे को रंग व अबीर लगाकर खुशी जाहिर की. इस अवसर पर डॉ के के चौधरी, डॉ एन के सिन्हा, डॉ ए के आर्या, डॉ एसी अखौरी, डॉ साहिर पॉल, डॉ बी आर मास्टर, डॉ वीरेंद्र प्रसाद, डॉ एस नाथ, डॉ सुधीर मिश्रा, डॉ अजय राज, डॉ मिथलेश कुमार, डॉक्टर असित मिश्रा, डॉ रवींद्र कुमार, डॉ विजय कुमार, डॉ सतीश दास, डॉ मृत्युंजय सिंह, डॉ मतीन खान, डॉ जॉय भादुड़ी सहित अन्य उपस्थित थे.
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मधुमेह व कमजोर बच्चों को स्वाइन फलू का अधिक खतरा फोटो के नाम से है फोटो
– साकची स्थित एक होटल में स्वाइन फ्लू पर गोष्ठी का आयोजन संवाददाता, जमशेदपुर सर्दी व बुखार से ग्रसित बच्चों को ही स्वाइन फ्लू हो यह जरूरी नहीं है. मधुमेह या कमजोर बच्चों को स्वाइन फ्लू जैसी बीमारी अधिक प्रभावित करती है. उक्त बातें आइएपी (इंडियन एकेडमी ऑफ पेडियाट्रिक्स) की जमशेदपुर शाखा की ओर से […]
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