इधर, नामांकन दाखिल करने के पहले से ही पीएन सिंह, रघुनाथ पांडेय और भगवान सिंह खेमा अपने-अपने समर्थकों को एकजुट करने के लिए लगातार बैठकें कर रहा है. बैठकों में एक गुट के निशाने पर दूसरा गुट रहता है. सभी गुट खुद को मजदूरों का हितैषी और अपने कार्यकाल को स्वर्णिम बता रहा है. इधर, शनिवार को निर्विरोध घोषित हुए छह लोगों को पहले पीएन सिंह ने अपने आवास पर बुलाया. लेकिन थोड़ी ही देर में उसमें से दो लोग (एचएसएम के अजय कुमार मिश्र और राकेश कुमार सिंह) रघुनाथ पांडेय के पास चले गये.
वे बीके डिंडा के भी संपर्क में हैं. जाहिर है आने वाले दिनों में ऐसे कई प्रत्याशी नजर आयेंगे जो सभी गुट से संपर्क साधेंगे और अंतिम रूप से सत्ता हासिल करने वाले गुट में शामिल हो जायेंगे. गुटों की जोर-आजमाइश के बीच रविवार को रघुनाथ पांडे के आवास पर विपक्षी गुट व भगवान सिंह के नेतृत्व में तीसरे मोरचे की बैठक हुई. जहां रघुनाथ पांडेय गुट ने पीएन सिंह के कार्यकाल की खामियां गिनायीं और इस बार सत्ता वापसी की उम्मीद जतायी, वहीं भगवान सिंह तीसरे मोर्च को सत्ता मिलने के प्रति आश्वस्त दिखायी पड़ रहे हैं.