जमशेदपुर: 86 बस्तियों (अब 115 बस्तियां) को सबलीजी करने की प्रक्रिया तेज हो गयी है. मुख्यमंत्री की ओर से गठित तीन सदस्यीय कमेटी को 15 दिनों में सभी बिंदुओं का अध्ययन कर रिपोर्ट सौंपनी है.
जेएनएसी के अंतर्गत जिन इलाकों को सव्रे हो चुका है, उसका सबलीजी बनना तय है. वहीं सोनारी, कदमा, बर्मामाइंस समेत कई अन्य छुटे इलाकों का सव्रे जल्द किया जायेगा. जेएनएसी क्षेत्र सबलीजी होने के बाद यहां सभी जन सुविधाएं टाटा स्टील उपलब्ध करायेगी.
शिड्यूल पांच की जमीन का सव्रे हो चुका है. 2006 में शिड्यूल पांच की जमीन पर बसी बस्तियों का सव्रे किया गया था. इसके तहत जमशेदपुर अधिसूचित क्षेत्र समिति (जेएनएसी) के वार्ड संख्या 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 11, 12, 13, 14, 15, 16, 17, 18, 19 आदि शामिल है. इसके तहत जमीन के मालिक का नाम और चौहद्दी तय किये गये थे.
शिड्यूल तीन की कई बस्तियां सबलीजी होंगी. शिडय़ूल तीन के अधीन आने वाले भुइयांडीह समेत आसपास की कई बस्तियों को सबलीज के दायरे में लाया जायेगा.
जेएनएसी के अंतर्गत जिन इलाकों को सव्रे हो चुका है, उसका सबलीजी बनना तय है. वहीं सोनारी, कदमा, बर्मामाइंस समेत कई अन्य छुटे इलाकों का सव्रे जल्द किया जायेगा. जेएनएसी क्षेत्र सबलीजी होने के बाद यहां सभी जन सुविधाएं टाटा स्टील उपलब्ध करायेगी.
शिड्यूल पांच की जमीन का सव्रे हो चुका है. 2006 में शिड्यूल पांच की जमीन पर बसी बस्तियों का सव्रे किया गया था. इसके तहत जमशेदपुर अधिसूचित क्षेत्र समिति (जेएनएसी) के वार्ड संख्या 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 11, 12, 13, 14, 15, 16, 17, 18, 19 आदि शामिल है. इसके तहत जमीन के मालिक का नाम और चौहद्दी तय किये गये थे.
शिड्यूल तीन की कई बस्तियां सबलीजी होंगी. शिडय़ूल तीन के अधीन आने वाले भुइयांडीह समेत आसपास की कई बस्तियों को सबलीज के दायरे में लाया जायेगा.