उपमुख्य संवाददाता, जमशेदपुर झामुमो के केंद्रीय महासचिव रामदास सोरेन (पूर्व विधायक ) ने कहा कि राज्य सरकार बस्तियों को मालिकाना हक देने की घोषणा कर रही है. इसका स्वागत है, लेकिन जमीन के असली मालिकों के बजाय अन्य को इसका लाभ दिया गया, तो विरोध होगा. सरकार को इस पर ध्यान देना चाहिए कि बस्ती बसने के पूर्व जमीन किनके नाम पर थी, इसका सर्वे कर नाम सार्वजनिक किया जाना चाहिए. श्री सोरेन बुधवार को उपायुक्त कार्यालय के पास पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे. उन्होंने कहा कि उनके पास भी काफी दस्तावेज हैं, जो इस बात की पुष्टि करते हैं कि 86 बस्तियों में रहनेवाले लोगों की अधिकांश जमीन रैयतों की है. एक ओर सरकार सीएनटी-एसपीटी एक्ट का उल्लंघन नहीं करने की घोषणा करती है, वहीं रैयतों की जमीन दूसरों के नाम स्थानांतरित करने की प्रक्रिया शुरू करने की योजना बना रही है. दोनों एक साथ संभव नहीं है. सरकार को इस मामले में बेहतर विकल्प की तलाश कर न्याय करना चाहिए.
BREAKING NEWS
Advertisement
पहले रैयतों को मिले मालिकाना हक: रामदास सोरेन ( रामदास सोरेन का फोटो)
उपमुख्य संवाददाता, जमशेदपुर झामुमो के केंद्रीय महासचिव रामदास सोरेन (पूर्व विधायक ) ने कहा कि राज्य सरकार बस्तियों को मालिकाना हक देने की घोषणा कर रही है. इसका स्वागत है, लेकिन जमीन के असली मालिकों के बजाय अन्य को इसका लाभ दिया गया, तो विरोध होगा. सरकार को इस पर ध्यान देना चाहिए कि बस्ती […]
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए
Advertisement