लाइफ रिपोर्टर @ जमशेदपुरमैं हूं परम पुरख को दाता, देखण आयो जगत तमाशा…, मोहि न बिसारो मैं जन तेरा… आदि शबद-कीर्तन गायन कर अमृतसर से पहुंचे भाई निर्मल सिंह खालसा ने संगत को निहाल कर दिया. सोमवार को साकची गुरुद्वारा में शुरू हुए तीन दिवसीय कीर्तन दरबार में भाई किशन सिंह ने संगत को लंगर के महत्व को भी समझाया. उन्होंने कहा कि जिस तरह से गुरुद्वारा में लंगर तैयार होता है, उतनी ही श्रद्धा के साथ लंगर छकना और वितरण का कार्य भी होना चाहिये. कीर्तन दरबार का आयोजन गुरुनानक सेवा दल द्वारा किया जा रहा है. कीर्तन दरबार से पूर्व शाम छह बजे साकची गुरुद्वारा से शोभा यात्रा निकाली गयी, जो कीर्तन दरबार से सजे भव्य पंडाल में पहुंचकर समाप्त हुई. दरबार में भाई राजपाल सिंह तथा स्त्री सत्संग सभा की महिलाओं ने भी कीर्तन गायन किया. कीर्तन दरबार को सफल बनाने में दल के हरविंदर सिंह मंटू, मनमोहन सिंह, खुशबीर सिंह, सुखदेव सिंह, राजपाल सिंह, त्रिलोचन सिंह, पप्पी बाबा, हरजीत सिंह का योगदान रहा.——–31 को बंटेगा लंगरकीर्तन दरबार मंगलवार और बुधवार को सुबह और शाम दोनों पहर आयोजित होगा. दल के अध्यक्ष हरविंदर सिंह मंटू ने कहा कि 31 दिसंबर को दिन में गुरु का लंगर वितरित होगा. रात में संगत वाहेगुरु-वाहेगुरु का जाप कर नये वर्ष में प्रवेश किया जाएगा.
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साकची गुरुद्वारा में तीन दिवसीय कीर्तन दरबार शुरू
लाइफ रिपोर्टर @ जमशेदपुरमैं हूं परम पुरख को दाता, देखण आयो जगत तमाशा…, मोहि न बिसारो मैं जन तेरा… आदि शबद-कीर्तन गायन कर अमृतसर से पहुंचे भाई निर्मल सिंह खालसा ने संगत को निहाल कर दिया. सोमवार को साकची गुरुद्वारा में शुरू हुए तीन दिवसीय कीर्तन दरबार में भाई किशन सिंह ने संगत को लंगर […]
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