– वसुंधरा एस्टेट में भागवत कथा का दूसरा दिनजमशेदपुर. एनएच 33 स्थित वसुंधरा एस्टेट में चल रहे श्रीमद्भागवत कथा यज्ञ के दूसरे दिन प्रवचन कर्ता बृजनंदन जी ने कहा कि कलियुग में एक ओर जहां अनेक अवगुण हैं, वहीं उसमें एक बड़ा गुण भी है. वह गुण यह है कि इसमें कथा, सत्संग एवं भजन का लाभ प्राप्त करने से भी पुण्य की प्राप्ति होती है. उन्होंने कहा कि अधर्म एवं अन्याय से अर्जित स्वर्ण कभी फलदायी नहीं होता. उन्होंने मनुष्यों को अपने विचार बदलने की सीख देते हुए कहा कि यदि लोगों के विचार बदल गये तो संसार भी बदल जायेगा. उन्होंने कहा कि ऋषि के शाप वश राजा परीक्षित की मृत्यु सात दिन के बाद होनी निश्चित थी. उन्होंने सुखदेव जी से अपने शाप का प्रायश्चित करने एवं मुक्ति दिलाने का उपाय पूछा तो शुकदेव जी ने कहा, ‘हे राजन, यह प्रश्न तुम्हारा ही भला नहीं करेगा, अपितु मानव मात्र के कल्याण के लिए है. भगवान की मन से आराधना करो, ताकि भाव से मुक्ति मिल जाये.’ आज की कथा में आयोजन समिति के सदस्यों के अतिरिक्त भारी संख्या में अन्य श्रद्धालु भी उपस्थित थे.
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अधर्म से अर्जित धन फलदायी नहीं होता : बृजनंदन जी (फोटो मनमोहन 12, 13)
– वसुंधरा एस्टेट में भागवत कथा का दूसरा दिनजमशेदपुर. एनएच 33 स्थित वसुंधरा एस्टेट में चल रहे श्रीमद्भागवत कथा यज्ञ के दूसरे दिन प्रवचन कर्ता बृजनंदन जी ने कहा कि कलियुग में एक ओर जहां अनेक अवगुण हैं, वहीं उसमें एक बड़ा गुण भी है. वह गुण यह है कि इसमें कथा, सत्संग एवं भजन […]
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