27.4 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

राजस्थानी साहित्य एवं संस्कृति परिषद् द्वारा प्रकाशित ‘कुरजां’ का वार्षिकोत्सव

भाषा न बची तो समाज भी नहीं बचेगा : रतन शाह(फोटो हैरी की होगी)लाइफ रिपोर्टर @ जमशेदपुर भाषा लोकगीतों की संरक्षक होती है. वह नहीं बची तो लोकगीत भी नहीं बचेंगे. यह बातें कोलकाता से आये रतन शाह ने कहीं. वे श्रीकृष्ण सिन्हा संस्थान में राजस्थानी साहित्य एवं संस्कृति परिषद् द्वारा प्रकाशित पत्रिका ‘कुरजां’ के […]

भाषा न बची तो समाज भी नहीं बचेगा : रतन शाह(फोटो हैरी की होगी)लाइफ रिपोर्टर @ जमशेदपुर भाषा लोकगीतों की संरक्षक होती है. वह नहीं बची तो लोकगीत भी नहीं बचेंगे. यह बातें कोलकाता से आये रतन शाह ने कहीं. वे श्रीकृष्ण सिन्हा संस्थान में राजस्थानी साहित्य एवं संस्कृति परिषद् द्वारा प्रकाशित पत्रिका ‘कुरजां’ के वार्षिकोत्सव को मुख्य वक्ता के रूप में संबोधित कर रहे थे. भाषा का संरक्षण जरूरी उन्होंने कहा कि लोकगीत सभी पसंद करते हैं लेकिन भाषा रूपी उसके पेड़ में पानी डालना लोग भूल रहे हैं. भाषा का संरक्षण जरूरी है. उसकी अवहेलना समाज को खत्म करने जैसा होगा. उन्होंने राजस्थानी को संवैधानिक मान्यता दिलाने के लिए परिषद् की ओर से प्रस्ताव पारित कर भेजे जाने का सुझाव दिया. पत्रिका हुआ विमोचन समारोह के मुख्य अतिथि पत्रकार राधेश्याम अग्रवाल ने कहा कि ‘कुरजां’ पत्रिका का प्रकाशन एक ऐतिहासिक घटना है. इसका प्रकाशन लगातार होते रहना चाहिए. उन्होंने कहा कि इसके संपादक डॉ मनोहर लाल गोयल ने इसके माध्यम से समाज के लोगों को जोड़ने का बड़ा काम किया है. मौके पर पत्रिका के अंकों के भामाशाहों को सम्मानित भी किया गया. समारोह में श्रीकृष्ण सिन्हा संस्थान के हरिवल्लभ सिंह आरसी सम्मानित अतिथि थे. रतन जोशी के संचालन में आयोजित समारोह को सफल बनाने में डॉ मनोहर लाल गोयल, डॉ ब्रह्मदत्त शर्मा, रामावतार शर्मा, मामचंद्र अग्रवाल, मंटू अग्रवाल, विजय खेमका, अशोक मोदी, सांवरमल एवं अन्य ने भूमिका निभायी.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें