आदित्यपुर: आदिवासियों का उत्थान नशाबंदी लागू कर ही हो सकता है. आदिवासियों के हित में नहीं सोचा गया तो अमन-चैन नहीं रहेगा व अलग झारखंड राज्य का सपना अधूरा रह जायेगा. उक्त बातें पूर्व मंत्री विधायक चंपई सोरेन नहीं. श्री सोरेन ईमली चौक के पास बनने वाले आदिवासी कला व सांस्कृतिक भवन का शिलान्यास समारोह को संबोधित कर रहे थे.
उन्होंने कहा कि आदिवासी भाषा-संस्कृति व कला को बचाने के लिये इस तरह के भवन कांड्रा, सरायकेला व राजनगर में भी बनाये जा रहे हैं. आदर्श गांव की कल्पना को साकार करने के लिये 50 गांवों में माइक्रो लिफ्ट एरिगेशन की व्यवस्था की गयी है और करीब 70 गांवों में पीसीसी सड़कें बनवायी गयीं हैं.
समारोह में समिति के अध्यक्ष सुरेंद्र सुंडी, आंदोलनकारी सचिन महतो, गणोश चौधरी, रंजीत प्रधान, अमृत महतो, पितोवास प्रधान, डब्बा मांझी, शेख हसन, नीलू सरदार, सुधीरचंद्र महाकुड़, लखींद्र कालुंडिया, हरिमोहन टुडू समेत कई लोग उपस्थित थे.