उपमुख्य संवाददाता, जमशेदपुरमदरसा फैजुल उलूम के कादरी दारुल मुताअला में दारुल कजा मदरसा फैजुल उलूम और रुयत ए हलाल कमेटी की बैठक में फैसला किया गया कि चार नवंबर को ही यौम ए अशुरा-मुहर्रम का का त्योहार मनाया जायेगा. मदरसा फैजुल उलूम में जुमा की आयोजित बैठक के बाद हाजी मौलाना मो मुख्तार ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में बताया कि मोहर्रम की नवमी और दसवीं को (3-4 नवंबर) को रोजा रखें और मुहर्रम की दिन होनेवाली खुराफात से बचने की अपील की. नायब मुफ्ती मो सलाउद्दीन निजामी ने चांद की रुयत के बारे में बताते हुए कहा कि अवाम ए अहले सुन्नत से हजरत इमाम हुसैन की सीरत को अपनाने और अशुरा के दिन गुसल का खास प्रबंध करना चाहिए. क्योंकि उस दिन तमात पानी में जमजम का पानी पहुंचता है. हाजी मौलाना मुख्तार ने कहा कि मुहर्रम हमें सबर और तहम्मुत का दर्स देता है. इसलिए अधिक से अधिक सदका व खैरात, गरीब परवरी करना, दस्तरखान को वसी करना चाहिए. मुसलिम समुदाय को विशेष तौकीद दी गयी कि यह ध्यान रहे कि उनके घर की औरतें जुलूस में किसी भी सूरत में शामिल न हो. इसके अलावा ऐसा कोई कार्य नहीं करे, जिससे दूसरे समुदाय के लोगों को तकलीफ हो.
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यौम ए अशुरा चार को, नवमी और दसवीं को रखें रोजा
उपमुख्य संवाददाता, जमशेदपुरमदरसा फैजुल उलूम के कादरी दारुल मुताअला में दारुल कजा मदरसा फैजुल उलूम और रुयत ए हलाल कमेटी की बैठक में फैसला किया गया कि चार नवंबर को ही यौम ए अशुरा-मुहर्रम का का त्योहार मनाया जायेगा. मदरसा फैजुल उलूम में जुमा की आयोजित बैठक के बाद हाजी मौलाना मो मुख्तार ने जारी […]
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