जमशेदपुर: टाटा स्टील में ऊंची डिग्री लेने वाले कर्मचारियों को मिलने वाले लाभ में कटौती कर दी गयी है. 9 अगस्त (2014) को वेज रिवीजन समझौता के साथ ही जो एक और समझौता हुआ है, उसमें इस बात का जिक्र है.
इसके तहत कर्मचारियों के बेसिक सैलेरी में होने वाली बढ़ोतरी का फामरूला बदल दिया गया है. पूर्व में अगर कोई कर्मचारी अब तक (एक अगस्त 2014 के पहले) तक एएमआइइ (इंजीनियरिंग), आदित्यपुर पॉलिटेक्निक कॉलेज या किसी भी मान्यता प्राप्त कॉलेज से डिप्लोमा, फोरमैनशिप, इनवायरमेंट की डिग्री लेता है तो उसके बेसिक में एक इंक्रीमेंट यानी 3 फीसदी की बढ़ोतरी की जाती थी, लेकिन अब इसमें बदलाव किया गया है. तय किया गया कि कर्मचारियों को 3 फीसदी इंक्रीमेंट बेसिक में नहीं होगा बल्कि उनको फिक्स राशि मिलेगी. इसके लिए अलग-अलग ग्रेड के लिए बेसिक में पैसे की बढ़ोतरी का नया सिस्टम भी बना दिया गया है. यह एक अगस्त से लागू किया जा चुका है.
यह समझौता टाटा स्टील के एमडी टीवी नरेंद्रन, उपाध्यक्ष एसडी त्रिपाठी, आरपी सिंह, बीबी दास, पीएन प्रसाद के साथ यूनियन अध्यक्ष पीएन सिंह, महामंत्री बीके डिंडा और डिप्टी प्रेसिडेंट संजीव चौधरी टुन्नू ने किया है. सिर्फ टॉप तीन के अलावा कोई और पदाधिकारी इस समझौता में शामिल नहीं है.
कैसे कर्मचारी होंगे प्रभावित
कई कर्मचारी एक लाख से लेकर 50 हजार रुपये तक का खर्च कर डिग्री हासिल करते थे, जिससे कर्मचारियों के बेसिक में 3 फीसदी बढ़ोतरी होती थी (यानी एक इंक्रीमेंट) मिलता था. अब इसके लिए अलग-अलग ग्रेड के लिए फिक्स राशि तय कर दी गयी है. नये फैसले से तीन हजार (करीब) कर्मचारियों पर असर पड़ेगा. कई कर्मचारी ट्रेनिंग ले रहे हैं और सर्टिफिकेट हासिल करने के लिए मेहनत कर रहे हैं, ऐसे कर्मचारियों को काफी घाटा होगा.