जमशेदपुर: सोनारी की बालीचेला मसजिद शहरी क्षेत्र की एकमात्र मसजिद है, जो बिना पक्की छत की है. टीन शेड के नीचे लोग नमाज अदा करते हैं. अल्लाह से हर दिन फरियाद की जाती है कि मसजिद को शहर की बेहतर मसजिद की शक्ल में तामीर करा दे. बालीचेला मसजिद कमेटी के अध्यक्ष मोहम्मद कयूम खान और सचिव मोहम्मद ताहिर का कहना है कि 1962 में मसजिद की स्थापना हुई थी.
सोनारी थाना लाइन क्रिश्चियन बस्ती के पास मोहम्मडन लाइन में स्थापित इस मसजिद की देखभाल स्थानीय मुसलिम समुदाय के लोग करते हैं. ईद-मुहर्रम पर सांप्रदायिक सौहार्द मसजिद में देखने को मिलता है. पांच वक्त नमाज सहित रमजान के पाक माह में तरावीह का आयोजन किया जाता है.
यहां इमाम की देखरेख में मकतब चलाया जाता है. मकतब में आनेवाले बच्चों को दीनी व दुनियावी शिक्षा दी जाती है. सचिव मोहम्मद ताहिर ने कहा कि आर्थिक हालात ठीक नहीं होने के कारण मसजिद का कायाकल्प नहीं हो पा रहा है.