यह पहली बार नहीं हुआ है जब आफत सिर पर आने के बाद उससे बचाव का उपाय खोजने का काम स्वास्थ्य महकमा कर रहा है. बरसात का दिन आ गया है और इसी मौसम में अधिकांश सर्प दंश के मामले अस्पताल में आते हैं.
लेकिन सरकारी अस्पताल एमजीएम में सर्प दंश की दवा है ही नहीं. अब विभाग एंटी वेनम के लिए टेंडर करने की बात कह रहा. जाहिर से बात है टेंडर होने ओर खरीद की प्रक्रिया पूरी करने मे दो माह गुजर जायेंगे. ऐसे में सर्प दंश के शिकार लोगों को दवा तत्काल नहीं मिल सकेगी और फिर कई जानें भगवान भरोसे होंगी.
जमशेदपुर: बोड़ाम थाना के भुला गांव निवासी हिमानी कर्मकार को मंगलवार की रात सांप ने डंस लिया था. उसका एमजीएम अस्पताल के आइसीयू में इलाज चल रहा है. अब तक सर्प दंश की चार इंजेक्शन लग चुके है. अस्पताल में दवा नहीं थी इसलिए डॉक्टर ने बाहर से दवा लाने को कहा. पीड़िता के घर वालों ने इसकी सूचना सांसद विद्युत महतो को दी. सांसद ने डीसी से बात की. डीसी ने अस्पताल के प्रभारी अधीक्षक डॉ एएन मिश्र से बात की तो उन्होंने बताया कि अस्पताल में दवा खत्म हो गयी है. उसके बाद डीसी ने सिविल सजर्न को दवा लाने का निर्देश दिया. डीसी के आदेश पर सिविल सजर्न ने दवा उपलब्ध करायी.
अस्पताल पहुंचकर भी सुरक्षित नहीं
एमजीएम अस्पताल में सर्प दंश की दवा खत्म हो चुकी है. दवा के लिए टेंडर निकालने की तैयारी जा रही है, उसके बाद दवा खरीदी जायेगी. परंतु, बरसात शुरू होते ही ग्रामीण इलाकों में सर्पदंश के मामले बढ़ते जा रहे हैं. ऐसे में मरीज सीधे एमजीएम अस्पताल पहुंच रहे हैं. गंभीर स्थिति में उनको भरती तो कर लिया जा रहा है लेकिन दवा न होने की बात कह कर बाहर से दवा लाने की बात डॉक्टर कह रहे हैं. ऐसी स्थिति में मरीज के परिजनों की परेशानी और बढ़ जा रही है. जो परिजन सक्रिय हैं और जनप्रतिनिधियों से लेकर डीसी तक अपनी बातें रख पा रहे हैं उन्हें तो विशेष परिस्थिति में सर्पदंश की दवा उपलब्ध करा दी जा रही है लेकिन जिनकी पहुंच ऊपर तक नहीं है वह एमजीएम अस्पताल पहुंच कर भी सुरक्षित नहीं हैं.