जमशेदपुर: कदमा बंबई रोड, क्वार्टर नंबर तीन में रहने वाले टाटा स्टील के एलडी-2 कर्मचारी राजीव रंजन प्रसाद (47) का शव गुरुवार को उनके बंद कमरे में बेड पर पड़ा मिला. पुलिस ने घर का ताला तोड़ कर शव निकाला और पोस्टमार्टम के लिए एमजीएम भेज दिया.
शव से बदबू आ रही थी. अनुमान लगाया जा रहा है कि शव तीन से चार दिन पुराना है. पोस्टमार्टम के बाद शव को शीतगृह में रखवा दिया गया है. मृतक की पत्नी के आने के बाद शव का अंतिम संस्कार किया जायेगा. फिलहाल पत्नी वंदना अपने बच्चों के साथ मायके सहरसा (सुपौल) गयी हुई हैं. मृतक जहानाबाद के रहने वाले थे. पत्नी को मौत की सूचना मिल गयी है. राजीव रंजन प्रसाद की मौत कैसे हुई इसे लेकर पुलिस अभी कुछ नहीं बता पा रही है. लेकिन प्रारंभिक छानबीन में पुलिस ने पाया है कि राजीव रंजन नशा का सेवन करते थे. समाचार लिखे जाने तक किसी भी तरह की कोई प्राथमिकी दर्ज नहीं की गयी थी.
राजीव को दो बच्चे हैं
रवि रंजन ने बताया कि उनके भाई राजीव रंजन को दो बच्चे हैं. बड़ा बेटा शिवम रंजन प्रसाद (14) कक्षा आठवीं में और छोटी बेटी श्रेया प्रसाद (10) कक्षा चौथी में पढ़ाई करती है.
एक सप्ताह से डय़ूटी नहीं जा रहे थे राजीव
रवि रंजन (मृतक के भाई) ने बताया कि लगभग एक सप्ताह से राजीव रंजन काम पर नहीं जा रहे थे. घटना की जानकारी टाटा वर्कर्स यूनियन के पदाधिकारियों को भी दे दी गयी है. शाम में यूनियन के कुछ पदाधिकारी ने पहुंचकर घटना की जानकारी ली.
मायके गयी पत्नी को पड़ोसियों ने दी सूचना
मृतक राजीव रंजन के भाई रवि रंजन (मानगो निवासी) के मुताबिक बुधवार की रात बंबई रोड में रहने वाले पड़ोसियों ने उनकी भाभी वंदना प्रसाद को फोन पर सूचना दी कि उनके घर से बदबू आ रही है. वंदना ने उन्हें (रवि रंजन को) फोन किया. इसके बाद वे अपने छोटे भाई चंदन प्रसाद के साथ कदमा बंबई रोड स्थित भाई के क्वार्टर में गये. वहां आसपास से बदबू आ रही थी. उन्होंने कदमा पुलिस की पेट्रोलिंग पार्टी को इसकी जानकारी दी. पुलिस ने गुरुवार को सुबह उन्हें बुलाया. आज सुबह आठ बजे पुलिस बंद कमरों का ताला तोड़कर अंदर घुसी तो अंदर के कमरे में पलंग पर राजीव रंजन का शव पड़ा हुआ पाया.