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मानी गयीं, ताे सामूहिक इस्तीफा
जमशेदपुर : जमशेदपुर प्रखंड प्रशासन और पंचायत समिति सदस्यों का टकराव सोमवार को उपायुक्त कार्यालय पहुंच गया. पंचायत समिति सदस्यों ने डीसी आॅफिस पर धरना देकर प्रखंड कार्यालय में व्याप्त भ्रष्टाचार व अन्य मुद्दों को जोर-शोर से उठाया. धरना के बाद प्रखंड प्रमुख रवींद्रनाथ सिंह के नेतृत्व में पंसस ने उपायुक्त को मांग पत्र सौंपा. […]
जमशेदपुर : जमशेदपुर प्रखंड प्रशासन और पंचायत समिति सदस्यों का टकराव सोमवार को उपायुक्त कार्यालय पहुंच गया. पंचायत समिति सदस्यों ने डीसी आॅफिस पर धरना देकर प्रखंड कार्यालय में व्याप्त भ्रष्टाचार व अन्य मुद्दों को जोर-शोर से उठाया. धरना के बाद प्रखंड प्रमुख रवींद्रनाथ सिंह के नेतृत्व में पंसस ने उपायुक्त को मांग पत्र सौंपा. सदस्यों ने कहा कि एक सप्ताह में मांगों पर कार्रवाई नहीं हुई, तो मुख्यमंत्री और राज्यपाल के समक्ष जाकर सामूहिक इस्तीफा दे देंगे.
शिकायत में बताया गया है कि 14वें वित्त आयोग की राशि से ग्राम पंचायतों में टैंकर, सोलर लाइट, स्ट्रीट लाइट, सबमर्सिबल, सोलर पंप व अन्य उपकरणों की बाजार मूल्य से तीन गुना अधिक कीमत पर खरीद की गयी. मनरेगा से डोभा-तालाब की खुदाई में गोलमाल किया गया. मनरेगा में बड़े पैमाने पर अनियमितता बरती गयी. प्रखंड में बिचौलिये हावी है और कमीशन के चक्कर में सड़क-नाली निर्माण की गुणवत्ता की अनदेखी की जा रही है.
अभियंताओं पर बिना योजना स्थल का निरीक्षण किये एमबी बुक बनाने का आरोप लगाया गया है. इसके अलावा उपायुक्त को सौंपे पत्र में जनप्रतिनिधियों ने पंचायत सचिवों द्वारा ग्राम सभा में आय-व्यय का ब्योरा नहीं देने, मनरेगा की कंटेजेंसी राशि में हेराफेरी करने, पंचायत समिति सदस्यों का यात्रा अौर बैठक भत्ता के भुगतान के लिए पांच प्रतिशत राशि मांगने का आरोप लगाया है.
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