जमशेदपुर: दपू रेलवे की विजिलेंस टीम ने झारखंड में नकली ट्रेन टिकट के माध्यम से भारतीय रेल को 60 लाख रुपये का चूना लगाने वाले गिरोह का भंडाफोड़ किया है. बताया जाता है कि गिरोह नकली टिकट कैंसिल कर पैसा रिफंड लेता था. राज्य के कई डाकघरों में हुई छापेमारी में गुमला डाकघर काउंटर से नकली ट्रेन टिकट रिटर्न रिफंड से रेलवे को 55-60 लाख रुपये का चूना लगने का पता चला है.
विजिलेंस टीम ने डाकघर के क्लर्क शिशुपाल महतो और दीपक कुमार बड़ाइच को गिरफ्तार किया. पूछताछ में रैकेट का मुख्य सरगना सह रांची में पदस्थापित रेलकर्मी की जानकारी मिली है. फिलहाल वह फरार है. नकली ट्रेन टिकट छपवाकर रांची से गुमला डाकघर लिंक के बीच भेजने वाले एक दलाल की भी तलाश की जा रही है. विजिलेंस के बड़े अधिकारी के मुताबिक मुख्य सरगना के पकड़ में आने के बाद नुकसान की सही जानकारी मिल सकेगी. टीम ने नकली ट्रेन टिकट का इस्तेमाल कर यात्र करने के मामले से इनकार नहीं किया है. विजिलेंस की टीम ने अबतक की गयी कार्रवाई से संबंधित रिपोर्ट विजिलेंस मुख्यालय और दपू रेलवे जीएम को एक रिपोर्ट सौंपी है.
कैसे पकड़ाया मामला
दुरंतो ट्रेन से एक परिवार ने छह यात्रियों का रांची डाकघर काउंटर से टिकट बनाया था. इनमें दो टिकट कंफर्म था, जबकि चार वेटिंग था. ट्रेन खुलने के थोड़ी देर उक्त टिकट कैंसिल कराने गये यात्री को तब झटका लगा जब उसे बताया गया कि आपका टिकट कैंसिल किया जा चुका है. इस पार यात्री ने टिकट दिखाते हुए हंगामा किया. इसकी रिपोर्ट दपू रेलवे मुख्यालय को भेजी गयी. इसके बाद आरपीएफ के साथ रेलवे विजिलेंस की चार सदस्यीय टीम ने गुमला डाकघर, मानगो डाकघर, रांची डाकघर, खुंटी डाकघर और सिमडेगा डाकघर में 16,17 और 18 मई को औचक छापेमारी की.
कहां-कहां छापेमारी
गुमला , मानगो डाकघर, रांची डाकघर, खूंटी डाकघर और सिमडेगा डाकघर.