जमशेदपुर/पटमदा: दलमा बुरू सेंदरा समिति के आह्वान पर विशु सेंदरा पर्व मनाने के लिए पारंपरिक हथियार से लैस सैकड़ों दिसुआ सेंदरा वीरों को सोमवार को वापस खाली हाथ लौटना पड़ा.
रविवार की शाम से सोमवार की दोपहर तक घने जंगलों में शिकार की तलाश में वीर जुटे रहे. सेंदरा वीरों की माने तो वन विभाग की सक्रियता की वजह से शिकारियों को खाली हाथ लौटना पड़ा. इस वर्ष शिकारियों की संख्या काफी कम दिखी. फॉरेस्ट विभाग द्वारा दलमा के आमपानी एवं चिपिंग दाड़ी में शिकारियों द्वारा बिछाये गये जाल व फांस को जब्त किया गया. रांगाजल, राजदोहा, चिपिंगदाड़ी, महाजाल, आमपानी, मझलाबांध, छोटका बांध, बड़का बांध, बिजली घाटी, भूसी झरना, आकाशजोभी आदि जगहों पर वन विभाग के अधिकारी एवं इको विकास समिति के सदस्यों को तैनात किया गया था. वहीं दूसरी ओर, दिसुआ शिकारियों ने बताया कि इक्का-दुक्का जगहों पर शिकारियों ने वन्य प्राणियों का शिकार किया. सीञ सिंगराई का आयोजन. फदलोगोड़ा के समीप सेंदरा वीरों ने सीञ सिंगराई(पारंपरिक संताली नृत्य) का लुत्फ उठाया. शाम तक नृत्य-गीत-संगीत का सिलसिला जारी रहा.
चना-गुड़ व शरबत वितरित. आदिवासी हो समाज युवा महासभा ने एनएच-33 स्थित आसनबनी के समीप सेवा शिविर लगाया था. जंगल से सेंदरा खेल कर वापस लौटने वाले सेंदरा वीरों के बीच चना-गुड़ व शरबत वितरण किया गया.
इन जगहों में जमे रहे सेंदरा वीर. सेंदरा पर्व मना कर वापस लौटे सेंदरा वीर आसनबनी, पातीपानी, हलुदबनी, बोंटा, चिमटी, पोड़ाखुंटा, कोइरा, खोखरो, बांधडीह, शहरबेड़ा में जुटे.