28.8 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

4.60 लाख की आबादी को शुद्ध पेयजल का इंतजार

कुमार आनंद जमशेदपुर : विश्व बैंक पोषित 237 करोड़ की छोटा गोविंदपुर अौर बागबेड़ा जलापूर्ति योजना में अब तक डेढ़ सौ करोड़ रुपये से ज्यादा खर्च हो चुके हैं लेकिन योजना अब तक अधूरी है. जबकि 18 अप्रैल 2015 को शिलान्यास के बाद मार्च 2018 तक घर-घर जलापूर्ति करने का सरकार ने वादा किया था. […]

कुमार आनंद
जमशेदपुर : विश्व बैंक पोषित 237 करोड़ की छोटा गोविंदपुर अौर बागबेड़ा जलापूर्ति योजना में अब तक डेढ़ सौ करोड़ रुपये से ज्यादा खर्च हो चुके हैं लेकिन योजना अब तक अधूरी है.
जबकि 18 अप्रैल 2015 को शिलान्यास के बाद मार्च 2018 तक घर-घर जलापूर्ति करने का सरकार ने वादा किया था. इस योजना की पेयजल एवं स्वच्छता विभाग नियमित मॉनीटरिंग कर रहा है बावजूद अब तक छोटागोविंदपुर में 80 फीसदी अौर बागबेड़ा में 40 फीसदी ही काम पूरा हो पाया है. सबसे बड़ी बाधा 33 रेलवे की बस्तियों को लेकर सामने आयी है जहां एनओसी के अभाव में पाइप लाइन बिछाने का काम शुरू नहीं हो पाया है.
बागबेड़ा जलापूर्ति योजना का दावा अौर जमीनी हकीकत. 21 पंचायतों के 113 गांवों की 2.25 लाख आबादी को जलापूर्ति के लिए पेयजल एवं स्वच्छता विभाग 80 किलोमीटर पाइप लाइन बिछा रहा है, लेकिन रेलवे बस्ती में पाइप लाइन बिछाने का काम एनओसी नहीं मिलने से रुका हुआ है. इसके अलावा सोनारी दोमुहानी अप स्ट्रीम से लेकर बागबेड़ा गिद्दीझोपड़ी के बीच 18 किलोमीटर राइजर पाइप अबतक नहीं बिछा है.
इसके लिए वन अौर हाउसिंग विभाग का एनओसी नहीं मिला है. इसी तरह दोमुहानी अप स्ट्रीम में इंटकबेल का काम भी शुरू नहीं हो पाया है. इसके अलावा मतलाडीह में जलापूर्ति योजना के लिए अलग पावर सबस्टेशन का निर्माण किया जाना है. स्थानीय ग्रामीणों के विरोध की वजह से योजना रुकी हुई है.
यहां अलग-अलग पांच स्थानों पर जलमीनार, वाटर ट्रीटमेंट प्लांट के निर्माण की प्रगति 40 फीसदी है. पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के दावों के मुताबिक योजना सितंबर 2018 तक पूरी हो जायेगी. छोटागोविंदपुर जलापूर्ति योजना का दावा अौर हकीकत. 23 पंचायतों के 127 गांवों की 2.35 लाख आबादी को जलापूर्ति के लिए पेयजल एवं स्वच्छता विभाग 93 किलोमीटर पाइप लाइन बिछा रहा है.
यहां 15 रेलवे की बस्तियों में पाइप लाइन बिछाने का काम एनओसी के अभाव में रुका हुआ है. यहां लुआबासा में इंटकवेल अौर हुडको में वाटर ट्रीटमेंट प्लांट (वाटर फिल्टर) का काम 80 फीसदी पूरा हो चुका है. यहां एक जलमीनार को छोड़कर शेष चार जलमीनार का काम करीब 80 फीसदी पूरा हो गया है. पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के दावे के मुताबिक छोटागोविंदपुर जलापूर्ति योजना से जून 2018 तक कुछ हिस्से में जलापूर्ति शुरू हो जायेगी, लेकिन रेलवे बस्ती समेत कई दूसरे इलाके में पानी की अापूर्ति शुरू होने में एक साल का वक्त लग सकता है.
बड़ी जलापूर्ति योजना के कारण इसमें वक्त लग रहा है. बागबेड़ा की अपेक्षा छोटागोविंदपुर में ज्यादा काम हुआ है. यह सच्चाई है कि दपू रेलवे से एनओसी नहीं मिलने से 33 बस्तियों में पाइप बिछाने समेत कई काम अबतक शुरू नहीं हो पाया है.
राजेंद्र प्रसाद, अधीक्षण अभियंता, पेयजल एवं स्वच्छता विभाग, जमशेदपुर

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें