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विचार साझा करेंगे विदेशी मेहमान

कॉन्क्लेव में पहली बार विदेशों से आदिवासी मेहमानों को आमंत्रित किया गया है. जमशेदपुर : झारखंड के स्थापना दिवस पर 15 नवंबर (बुधवार) से टाटा स्टील का आदिवासी सम्मेलन संवाद शुरू होने जा रहा है. पहली बार इस संवाद को अंतरराष्ट्रीय स्वरूप दिया गया है तथा विदेश से कई आदिवासी मेहमानों को आमंत्रित किया गया […]

कॉन्क्लेव में पहली बार विदेशों से आदिवासी मेहमानों को आमंत्रित किया गया है.
जमशेदपुर : झारखंड के स्थापना दिवस पर 15 नवंबर (बुधवार) से टाटा स्टील का आदिवासी सम्मेलन संवाद शुरू होने जा रहा है. पहली बार इस संवाद को अंतरराष्ट्रीय स्वरूप दिया गया है तथा विदेश से कई आदिवासी मेहमानों को आमंत्रित किया गया है. मंगलवार को इसकी जानकारी टाटा स्टील के चीफ सीएसआर बिरेन भुटा और टीएसआरडीएस के सचिव जिरेन टोपनो ने संयुक्त रूप से दी.
टीएसआरडीएस के काॅन्फ्रेंस हॉल में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने पूरे कार्यक्रम के रूपरेखा की जानकारी दी. श्री भुटा ने बताया कि चौथी बार यह आयोजन हो रहा है.
अभी तक देश के सभी राज्यों से आदिवासी समूहों को इसमें आमंत्रित किया जाता रहा है. इस बार संवाद में आस्ट्रेलिया, केन्या, जिंबाब्वे, कनाडा और लाओस के आदिवासी समुदाय के लोग शामिल होंगे. 15 से 19 नवंबर तक गोपाल मैदान में संवाद चलेगा. संवाद में 40 जनजातीय समुदाय के लोग शामिल होंगे. इसमें 101 ट्राइबल ड्रम बजेंगे. इस बार का थीम ‘युवाओं में नेतृत्व क्षमता विकसित करना’ रखा गया है. इसके अलावा 40 कार्यशाला सोनारी स्थित ट्राइबल कल्चरल सेंटर में आयोजित होगी, जिसमें फिल्म, मीडिया, काॅरपोरेट समेत विभिन्न क्षेत्रों से जुड़े लोगों को जोड़ा गया है.
श्री भुटा ने बताया कि यह आयोजन आदिवासी संस्कृति, इसकी परम्परा तथा आधुनिक व मुख्य धारा संस्कृति के साथ इसके मिलाप पर चर्चा व विचार साझा करने के लिए पूरे देश के आदिवासियों का स्वागत करेगा. यह कॉन्क्लेव आदिवासी समुदाय को उनके विचार प्रस्तुत करने व साझा करने का अनोखा प्लेफार्म होगा. इस दौरान हस्तशिल्प प्रदर्शनी का भी गोपाल मैदान में आयोजन होगा.
समूह चर्चा, सांस्कृतिक प्रदर्शनों, हस्तशिल्प प्रदर्शनी, फिल्म प्रदर्शन तथा अन्य कार्यक्रम के माध्यम से इस कॉन्क्लेव के दौरान विचारों का आदान-प्रदान होगा और विभिन्न स्थानीय संस्कृतियों के समायोजन के लिए मार्ग प्रशस्त होगा. कॉन्क्लेव में पूरे देश के 25 राज्यों की 40 विभिन्न जनजातियों के 1500 से अधिक आदिवासी कलाकारों, विचार नेताओं, प्रख्यात हस्तियों और कार्यकर्ताओं के समूह की भागीदारी होगी.आदिवासी खाना के साथ हर दिन होगा आदिवासी खेल : गोपाल मैदान में लगी प्रदर्शनी के दौरान आदिवासियों का खाना लोगों के बीच परोसा जायेगा. इसके हर शाम को आदिवासी खेल भी आयोजन किया जायेगा.
कार्यशाला में भाग लेने वाले अतिथि वक्ता : प्रदीप प्रभु, महाराष्ट्र के वनाधिकार संघर्षकर्ता, टाटा ट्रस्ट के संजीव फांसलकर, महाराष्ट्र के गांधियन मोहन हीराभाई हीरा लाल, झारखंड के एकजुट के संस्थापक डॉ प्रशांत त्रिपाठी, दिल्ली के स्टार्टअप के संस्थापक मनीष गुप्ता, टाटा स्टील के कंसल्टेंट विराफ मेहता, चेन्नई के लोयोला कॉलेज के अशोक ग्लैडस्टोन, मुंबई के टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंस के अंजली व जयशंकर, मणिपुर के फिल्म निर्देशक ओइनाम डोरेन, झारखंड के फिल्म निर्देशक निरंजन कुजूर, दिल्ली के थियेटर आर्टिस्ट अकरम फिरोज व अन्य.
इन राज्यों के लोग भाग लेंगे : अंडमान व निकोबार, आंध्र प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, असम, छत्तीसगढ़, गुजरात, जम्मू व कश्मीर, झारखंड, कर्नाटक, केरल, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नागालैंड, ओड़िशा, तमिलनाडु तथा त्रिपुरा.
15 नवंबर-बिरसायत लोगों द्वारा बिरसा मुंडा को श्रद्धा सुमन अर्पित किया जायेगा, झारखंड की संस्कृति का रंग दिखेगा और एक साथ 101 नगाड़ा बजाने का प्रदर्शन किया जायेगा. इसका नाम कलर्स ऑफ झारखंड दिया गया है. इसके साथ ही गुजरात की सिद्धि नामक आदिवासी नृत्य भी प्रस्तुत किया जायेगा. कनाडा के भी आदिवासी संस्कृति यहां प्रदर्शित होगी.
16 नवंबर-इंडियन तबला व सितार वादक पंडित नयन घोष अपनी कला प्रदर्शित करेंगे. ट्राइबल युवाओं की प्रतिभाओं से सबको अवगत कराया जायेगा. इसके अलावा असम के बोड़ो स्टूडेंट यूनियन के प्रमोद बोडो, ऑस्ट्रेलियन के जॉन कोरोवा, लाओस टैक्सटाइल के एमडी करोल कैसिडी, वीमेंट इनकम जेनरशन सेंटर की संस्थापक इंदिरा ओनाम, टाटा ट्रस्ट के हेड ऑफ क्राफ्ट शारदा गौतम का रंगारंग आयोजन होगा. इसके अलावा ट्राइबल खाना भी लोगों को प्रदर्शित किया जायेगा.
17 नवंबर-महाराष्ट्री के कल्याण सचिव भाग लेंगे जबकि इंडियन सोशल एक्टिविस्ट पैट्रिसिया मुखिम हिस्सा लेंगे.18 नवंबर-अरुणाचल प्रदेश का मोनपास नृत्य होगा, तेलंगाना का गुसाड़ी गोंड डांस होगा, हिमाचल प्रदेश का किन्नौरी डांस और मणिपुर का गुरु रिवलेन मसंगहवा म्यूजित प्रदर्शित होगा. इसकी खासियात यह होगी कि बांसुरी वादक पंडित नित्यानंद हल्दीपुर अपनी कला को प्रदर्शित करेंगे.
19 नवंबर-आदिवासी समुदाय का फैशन शो होगा जबकि झारखंड के आदिवासी समुदाय के सांस्कृतिक कार्यक्रम के साथ इसका समापन हो जायेगा.
भाग लेने वाले अतिथि
प्रोफेसर मोहम्मद युनूस, नोबेल पुरस्कार विजेता
गणेश देवी, पद्मश्री व संगीत नाटक अकादमी अवार्ड विजेता
पटारिसिया मुखिम, पद्म श्री अवार्ड विजेता
प्रमोद बोडो, अध्यक्ष, बोडो स्टूडेंट यूनियन
सुनील कौल, अंत्ज के संस्थापक
विजय महाजन, बेसिक्स व प्रदान के संस्थापक
देवजी तोफा, महाराष्ट्र के गंदचिरोली से आयेंगे
ऑस्ट्रेलिया के रे मिनिसोन
नागालैंड के डॉ निकेतु इरालू

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