बताया जाता है कि टाटा स्टील के प्रेसिडेंट आनंद सेन को यूरोपीय कारोबार पर फोकस करने के काम में लगाया जा सकता है. 2018 के बाद उनको पांच साल का एक्सटेंशन ऐसे में मिल जायेगा, जिसके बाद वे यूरोप का कारोबार देख सकेंगे. उनके साथ ही टाटा स्टील के वीपी स्तर के कई अधिकारियों का कार्य क्षेत्र बदल सकता है जबकि कई वीपी को पदोन्नति भी मिल सकती है.
चीफ स्तर के अधिकारियों को भी वीपी स्तर पर प्रमोशन देकर नयी जिम्मेदारी दी जा सकती है. कंपनी का फोकस एरिया स्टील का बेहतर व सस्ता उत्पादन करना है, इसी वजह से कई कदम उठाये जा रहे हैं. कलिंगानगर और जमशेदपुर प्लांट के कारोबार को एक साथ करने की भी योजना है ताकि कम अधिकारी और कम कर्मचारी में ज्यादा उत्पादन किया जा सके. यह हो सकता है कि कंपनी के कई कार्यालयों की भी शिफ्टिंग हो. वैसे इन बातों पर अब तक कंपनी ने अपना पत्ता नहीं खोला है.