चुनाव की घोषणा होने तक रहेगी तालाबंदी : मेहताब आलम
जमशेदपुर : मदरसा फैजुल उलूम में चुनाव की मांग पर विरोधियों ने शनिवार की देर शाम सचिव कार्यालय परिसर में ताला जड़ दिया. तालाबंदी की खबर मिलते ही दोनों पक्ष से काफी संख्या में लोग जुट गये. मामले की जानकारी मिलने पर बिष्टुपुर पुलिस मौके पर पहुंची. दोनों पक्षों को थाना में बुलाया गया. वहां काफी देर तक हुई बातचीत के बाद भी एक पक्ष ताला खोलने के लिए राजी नहीं हुआ. वहीं बिष्टुपुर थाना प्रभारी ने मामले में संयम बरतने की अपील करते हुए एसडीओ को रिपोर्ट भेजने की बात कही.
इस संबंध में मेहताब आलम ने बताया कि पिछले 2-3 साल से कमेटी चुनाव कराने की मांग की जा रही है. 2002 से कमेटी के अध्यक्ष पद पर डॉ गुलाम जरकानी ने कब्जा कर रखा है. यह संस्था सोसायटी एक्ट के तहत निबंधित है, जिसका हर तीन साल में चुनाव होना अनिवार्य है. किसी भी संस्था का अध्यक्ष या सदस्य एनआरआइ नहीं हो सकता है. नियमों को ताक पर रखते हुए डॉ जरकानी ने यहां प्राइवेट कंपनी खोल रखी है.
समाज के नाम से मिली जमीन को अपने नाम करा लिया है. इस मामले को कोर्ट ने सही पाते हुए मामले की गवाही शुरू करा दी है. इस मामले में कोर्ट से डॉ गुलाम जरकानी ने जमानत ली है. उन्हें देश छोड़ने पर मनाही है, इसके बाद भी वे तीन बार विदेश जा चुके हैं. शनिवार को मगरिब के बाद डेढ़ सौ लोगों ने शाहिद, मेहताब आलम सिद्धकी, मोहम्मद अफताब, हाजी शम्सू के नेतृत्व में एक बैठकर कर तालाबंदी का निर्णय लिया. मदरसा की ओर से कैसर शकील, मोहम्मद फरीद, सनाउल्लाह अंसारी, मोहम्मद नईम, हाफिज हासिम, गुलाम मुस्तफा, फरीद खान, हाफिज असरार, सनाउर रहमान, माया ने अपना विरोध जताते हुए इस तरह की घटना की निंदा की.
मेहताब आलम ने बताया कि 8-10 बार कमेटी को लिखित दिया, एसपी, डीसी को लिखित दिया, इसकेबाद भी कोई सुनवाई नहीं हुई. अब जिला प्रशासन यहां चुनाव कराये, कोई भी जीत कर आये, लेकिन नियमों का पालन होना चाहिए.