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70 प्रतिशत आबादी जाती है खुले में शौच
केरेडारी : केंद्र सरकार की ओर से संचालित स्वच्छ भारत मिशन का सपना केरेडारी प्रखंड में फीका नजर आ रहा है. प्रखंड के सलगा, बुंडू, बारियातू, कंडाबेर, हेवई, बारियातू समेत कई पंचायतों के दर्जनों गांवों में शौचालय बनाने की पहल अब तक नहीं की गयी है. प्रखंड के 16 पंचायत में लगभग एक लाख आबादी […]
केरेडारी : केंद्र सरकार की ओर से संचालित स्वच्छ भारत मिशन का सपना केरेडारी प्रखंड में फीका नजर आ रहा है. प्रखंड के सलगा, बुंडू, बारियातू, कंडाबेर, हेवई, बारियातू समेत कई पंचायतों के दर्जनों गांवों में शौचालय बनाने की पहल अब तक नहीं की गयी है. प्रखंड के 16 पंचायत में लगभग एक लाख आबादी निवास करते हैं.
कई गांवो में शौचालय नहीं रहने कारण प्रखंड के लगभग 60 हजार आबादी खुले में शौच जा रहे हैं. ऐसे में खेतों, नदी किनारे व तालाब किनारे गंदगी होती है. तालाब को पानी भी दूषित हो रहा है. बारिश के दिनों में दूषित जल कुआं तक पहुंच जाता है. इससे संक्रामक बीमारियों को खतरा बना रहता है. महिलाओं को सबसे अधिक परेशानियों का सामना करना पड़ता है.
शौचालय का उपयोग नहीं: केरेडारी प्रखंड के केरेडारी, चट्टी, पेटो, चट्टी बारियातू, मनातू व पताल में मनरेगा के तहत शौचालय का निर्माण किया गया, लेकिन शौचालय का उपयोग लोग नहीं करते हैं. स्थिति यह है कि किसी शौचालय का छत उजड़ गया है, तो किसी का दरवाजा गायब है. शौचालय निर्माण में भी कई अनियमितता बरती गयी है. स्थानीय लोगों के अनुसार प्रखंड में जागरूकता की भी कमी है.
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