जुगरा गांव में ग्राम सभा का आयोजन
बड़कागांव : बड़कागांव प्रखंड की चेपाकला पंचायत अंतर्गत ग्राम जुगरा में ग्राम सभा हुई. अध्यक्षता राजेश रजक एवं मुख्य अतिथि कटकमदाग के जिला परिषद सदस्य प्रियंका देवी ने की.
ग्राम सभा में रैयतों के जबरन भूमि-अधिग्रहण पर चर्चा की गयी. प्रियंका देवी ने कहा कि रैयतों की समस्या को काफी करीब से समझने का मौका मिला. रैयत किसी भी स्थिति में अपनी जमीन एनटीपीसी को देना नहीं चाहते हैं. उनका कहना है कि जमीन हमें पूर्वजों से मिली है, इसे हम बेच नहीं सकते. इसपर हमारी आगामी पीढ़ी का हक है. ग्राम सभा में ग्रामीणों ने कहा कि भूमि अधिग्रहण कानून 2013 पूरे देश में लागू है, जिसमें किसी गांव में 70 प्रतिशत रैयतों की सहमति के बिना गांव की एक इंच जमीन भी जिला प्रशासन अथवा कंपनी ले सकते हैं. फिर हजारीबाग जिले में किसानों की पूर्व सहमति क्यों नहीं ली जा रही है?
कानून का उल्लंघन पदाधिकारी व कंपनी के पदाधिकारी क्यों कर रहे हैं? एनटीपीसी, ईस्ट इंडिया कंपनी के जैसा ग्रामीणों का शोषण क्यों कर रही है? लोगों को डराती है कि जमीन का मुआवजा नहीं लोगे तो पैसा ट्रेजरी में जमा कर देंगे और पुलिस बुला कर जमीन पर कब्जा कर लेंगे.
जिप सदस्य प्रियंका देवी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के हाल में दिये गये जजमेंट को भी ग्राम सभा में रखा गया और पढ़ा गया. उसमे आदेश अंकित है कि गांव की खनिज संपदा का दोहन सिर्फ गांव के हित में किया जा सकता है.
ग्राम सभा में आरटीआइ से निकाले हुए कुछ दस्तावेज प्रस्तुत किये गये. जिसमें वन विभाग की जमीन डीएओ ने कंपनी वालो को सौंपने के लिए ग्राम वन अधिकार समिति की सहमति प्राप्त होने की बात लिखी है. उस सहमति-पत्र पर छह व्यक्तियों के हस्ताक्षर हैं.
यह हस्ताक्षर सभी एक ही व्यक्ति द्वारा किये गये फरजी हस्ताक्षर प्रतीत हो रहे थे. ग्रामीणों ने भी अपने हक अधिकार के लिए संघर्ष करने हेतु कमर कस ली. ग्राम सभा मजबूत हो रही है. मौके पर मुखिया साधना कुमारी,पंसस लता देवी, शंकर राम, कैलाश साव, लखिन्द्र ठाकुर, अनिरूध कुमार,डीलेश्वर महतो, बंधु महतो, गणेश महतो, चंद्रिका प्रसाद, भोला साव, बाजो राम,लक्ष्मण महतो सहित बड़ी संख्या में ग्रामीण महिला-पुरुष उपस्थित थे.