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पुलिस ने डाटा प्रो के संचालक समेत तीन युवा को मुक्त कराया
सफलता. 10 दिन से चतरा के लावालौंग के जंगल में बना रखा था बंधक पांच अपहरणकर्ता गिरफ्तार संरक्षण देनवेवाला टीपीसी का एरिया कमांडर पकड़ाया लावालौंग जंगल में स्थित झोपड़ी में दस दिनों तक रखा युवकों को डीआइजी ने कहा : हजारीबाग पुलिस को मिली बड़ी सफलता हजारीबाग : हजारीबाग से अपहृत डाटा प्रो के संचालक […]
सफलता. 10 दिन से चतरा के लावालौंग के जंगल में बना रखा था बंधक
पांच अपहरणकर्ता गिरफ्तार
संरक्षण देनवेवाला टीपीसी का एरिया कमांडर पकड़ाया
लावालौंग जंगल में स्थित झोपड़ी में दस दिनों तक रखा युवकों को
डीआइजी ने कहा : हजारीबाग पुलिस को मिली बड़ी सफलता
हजारीबाग : हजारीबाग से अपहृत डाटा प्रो के संचालक समेत तीन युवकों को पुलिस ने 25 अगस्त को मुक्त चतरा से मुक्त करा लिया है. तीनों का अपहरण 15 अगस्त को हो गया था. अपरहणकर्ता तीनों को पलामू और चतरा के सीमावर्ती क्षेत्र लावालौंग के घने जंगल में एक झोंपड़ी में बंधक बना कर रखे हुए थे.
पुलिस ने अपहरण के मामले में पांच अपहरणकर्ताओं समेत टीपीसी के एक एरिया कमांडर को मौके से गिरफ्तार किया है. अपहृत लोगों समेत पांचों अपहरणकर्ताओं को लेकर पुलिस 26 अगस्त को हजारीबाग पहुंची. बाद में अपहृत युवकों को उनके परिजनों से मिलवाया गया. एसपी भीमसेन टुटी के नेतृत्व में पुलिस की टीम पिछले कई दिनों से इस मामले का खुलासा में लगी हुई थी. पुलिस की टीम अपहरणकर्ताओं से पूछताछ कर रही है.
क्या था मामला: शहर के नवाबगंज रोड स्थित डाटा प्रो कंप्यूटर सेंटर से 15 अगस्त की रात को तीन लोगों का अपहरण कर लिया गया था. जिन लोगों का अपहरण किया गया था, उनमें डाटा प्रो के संचालक सुधीर तिवारी, उनके दो सहयोगी मो जिशान और मो इजहार शामिल थे.
तीनों का पिछले 10 दिनों से कुछ पता नहीं चल पा रहा था. शुरुआत में दो दिनों तक थाना प्रभारी व इंस्पेक्टर स्तर से अपहरणकर्ताओं की खोज शुरू हुई, लेकिन कोई सुराग नहीं मिला. बाद में एसपी भीम सेन टुटी ने मामले को गंभीरता से लिया. वह खुद जांच की मॉनिटरिंग में जुटे और अनुसंधान को आगे बढ़ाते रहे. वरीय अधिकारियों समेत डीआइजी उपेंद्र कुमार के साथ जांच प्रक्रिया पर कई दिनों तक मंथन करते रहे.
कैसे चलाया एसपी ने अभियान: एसपी भीम सेन टुटी ने अपहृत लोगों के कॉल डिटेल को खंगालास जिसके बाद अपरहरणकर्ताओं का सुराग मिला. कॉल डिटेल में पलामू और चतरा के सिमाने पर मोबाइल का लोकेशन मिला. हजारीबाग एसपी भीमसेन टुटी ने डीआइजी उपेंद्र कुमार के साथ मिल कर चतरा, लातेहार व अन्य जिलों के एसपी व सीआरपीएफ कमांडेंट के साथ अपहरणकर्ताओं को पकड़ने की रणनीति तैयार की. पुलिस ने उक्त स्थल पर जाने से पहले हर रणनीति पर मंथन किया.
उग्रवादी संगठनों ने पुलिस को चकमा देने के लिए कोई रणनीति तो नहीं बनायी है, इस पर भी सतर्कता बरती जा रही थी. एसपी ने जांच को पुख्ता बनाने के लिए कॉल डिटेल व सूचनाओं पर 24 अगस्त को रात भर वरीय अधिकारियों के यहां काम किया. इसके बाद सीआरपीएफ व हजारीबाग पुलिस बल ने लावालौंग के जंगल में सर्च अभियान चलाया. पूरे इलाके की घेराबंदी की गयी. उसके बाद जंगल में एक झोपड़ी से तीनों अपहृतों मुक्त कराया और अपहरण में शामिल चार लोगों को गिरफ्तार कर लिया. इसमें से एक टीपीसी का एरिया कमांडर भी था, जो स्थानीय था. उसी ने अपहरणकर्ताओं को संरक्षण दिया था.
बड़बोलापन के कारण हुआ अपहरण
पुलिस की जांच में पता चला कि डाटा प्रो के संचालक सुधीर तिवारी हमेशा कहता था कि उसके पास करोड़ों रुपये हैं. उसके इस बड़बोलेपन को अपहरणकर्ताओं ने सच मान लिया. उसके बाद अपहरणकर्ताओं ने उससे पैसे की मांग शुरू की. पैसा नहीं मिलने पर अपहरणकर्ताओं ने घटना को अंजाम दिया.
पुलिस की बड़ी कामयाबी: डीआइजी
डीआइजी उपेंद्र कुमार ने कहा कि हजारीबाग पुलिस की बड़ी कामयाबी है. एसपी भीम सेन टुटी ने बिना किसी नुकसान के अपहृत युवकों को बरामद कर लिया. अपहरणकर्ताओं को भी गिरफ्तार किया. इससे पुलिस का मनोबल काफी ऊंचा हुआ है.
घर में खुशी का माहौल
अपहृत सुधीर तिवारी के पिता दयाशंकर तिवारी ने कहा कि मेरे बेटे को एसपी ने सकुशल हजारीबाग लाया. हम सभी परिजन अपने बेटे से मिले. अभी वह घर नहीं आया है. हजारीबाग पुलिस उससे पूरे मामले की पूछताछ कर रही है. घर में खुशी का माहौल है.
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