हजारीबाग : भूमि संरक्षण अनुसंधान एवं प्रशिक्षण केंद्र डेमोटांड़ में भारी वित्तीय अनियमितता बरती गयी है. उपनिदेशक सुनील कुमार ने कृषि एवं गन्ना सचिव तथा निदेशक भूमि संरक्षण को तत्कालीन उपनिदेशक ब्रह्मदेव प्रसाद मंडल के विरुद्ध पत्र लिखा है.
जिसमें कहा गया है कि किसानों का पांच दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम निदेशक भूमि संरक्षण एवं परामर्श दातृ समिति की अनुशंसा किये बिना कार्यक्रम चलाया गया. राज्य के सभी जिलों के कृषकों को प्रशिक्षण देना था. तत्कालीन उपनिदेशक ने राज्यादेश के अनुरूप किसानों को प्रशिक्षण न देकर चुने हुए कुछ जिले के कृषकों को प्रशिक्षण दिया है.
राज्यादेश में स्वीकृत एवं आवंटित आकस्मिकता मद में राशि छह लाख 75 हजार रुपये की जगह 15 लाख 59 हजार 882 रुपये की राशि व्यय की गयी. इसमें आठ लाख 84 हजार 882 रुपये की राशि इस मद में अधिक व्यय बिना किसी सक्षम स्तर के अनुमोदन से किया गया है.
वित्तीय वर्ष 2013-14 में राज्य के किसानों को प्रशिक्षित करने के लिए एक करोड़ 40 लाख रुपये आवंटित था. इस योजना की राशि से एक करोड़ 18 लाख 36 हजार 774 रुपये की राशि का व्यय नियमानुकूल नहीं किया गया, जो वित्तीय अनियमितता की श्रेणी में रखा जाता है.
प्रशिक्षण के पहले तत्कालीन उपनिदेशक ने न तो निदेशक भूमि संरक्षण और न ही प्रशिक्षण परामर्श दातृ समिति से अनुशंसा कराया और राशि खर्च कर दी. केंद्र का अपना बस उपलब्ध होने के बावजूद स्थानीय बाजार से बस भाड़े पर लेकर प्रशिक्षणार्थियों को बाहर भ्रमण कराया गया.