हजारीबाग : सदर अस्पताल की समस्याओं को देखते हुए सिविल सर्जन को बरही विधायक मनोज यादव ने पत्र लिखा है. विधायक ने पत्र में कहा है कि सदर अस्पताल के महिला चिकित्सा वार्ड को नये भवन के तीसरे तल्ले पर स्थानांतरण किये जाने से मरीज परेशान हो रहे हैं. सर्जरी रोग से पीड़ित रोगियों व दुर्घटना में घायल मरीजों को ले जाने में परेशानी होती है.
रोगियों को स्ट्रेचर पर उठा कर तीसरे तल्ले तक ले जाने में मरीजों के परिजनों को परेशानी होती है. लिफ्ट हमेशा खराब रहने से भी परेशानी होती है. इस कारण डॉक्टर भी सीढियों के रास्ते तीसरे तल्ले पर नहीं जाना चाहते हैं.
विधायक ने सदर अस्पताल में विभाग वार चिकित्सकों की उपस्थिति सुनिश्चत कराने की मांग की है. उन्होंने कहा कि डॉक्टर सप्ताह में दो-तीन दिन ही कार्य करते हैं. शेष दिन निजी क्लीनिक में व्यस्त रहते हैं.
हड्डी रोग विभाग में दो चिकित्सक पदास्थापित हैं, लेकिन सदर अस्पताल में चिकित्सक अनुपस्थित रहते हैं. शल्य चिकित्सक सप्ताह में मात्र दो दिन ओपीडी और एक शल्य चिकित्सक सप्ताह में एक दिन ड्यूटी करते हैं. अस्पताल में भरती मरीज का इलाज नहीं हो पा रहा है.कई चिकित्सक लंबी छुट्टी पर चले गये हैं. विधायक ने मुख्यमंत्री गंभीर बीमारी उपचार योजना के तहत चिकित्सा सहायता देने की प्रक्रिया को जटील बनाने पर सवाल उठाया है. उन्होंने कहा है कि बीपीएल एवं न्यूनतम आय के तहत आनेवाले परिवार के सदस्यों को जिला स्तर पर अनुशंसा के बाद निदेशक झारखंड सरकार की स्वीकृति मिलते ही इलाज करनेवाले संस्थान को आदेश मिल जाता था.
इस प्रक्रिया में लगभग एक माह लग जाता था. इसे सरल बनाने के लिये जिला स्तर पर सिविल सर्जन को अधिकृत किया गया, लेकिन वर्तमान में सदर अस्पताल में मरीजों को इसका लाभ मिलने में और परेशानी हो रही है.