हजारीबाग : प्रमंडल स्तर पर की गयी सर्व शिक्षा अभियान की समीक्षा बैठक में स्कूलों की दर्जनों खामियां सामने आयी. मध्याह्न् भोजन में अनियमितता तथा इसी वर्ष से शुरू ड्रेस वितरण योजना में अनियमितता आदि का मामला सामने आया. समय पर स्कूली विद्यार्थियों को ड्रेस व किताबें नहीं दी गयी.
शौचालय का निर्माण नहीं हुआ. चहारदीवारी नहीं बनी. इतना ही नहीं दर्जनों स्कूलों ने शौचालय के नाम पर 50-50 हजार की राशि की निकासी कर ली और स्कूल में अब तक शौचालय नहीं बनाया है.
हजारीबाग में सबसे अधिक मामले आये. राज्य सरकार के मानव संसाधन विकास विभाग के प्रधान सचिव के विद्या सागर, राज्य शिक्षा परियोजना की निदेशक ममता ने समीक्षा बैठक की. दोनों अधिकारियों ने सातों जिलों के डीएसइ सह डीपीओ व एडीपीओ को फटकार लगाया.
गिरिडीह के डीएसइ सह डीपीओ से जब परियोजना के कामकाज के बारे में पूछा गया तो वे बहुत कुछ आंकड़ागत बताने में सक्षम नहीं दिखे. उन्हें फटकार पड़ी. बैठक के दौरान कोडरमा के एडीपीओ बात कर रहे थे. उन्हें बैठक से बाहर किया गया. सचिव ने कहा कि सरकारी स्कूलों में सब कुछ नियमित नहीं चल रहा है. ऐसा समीक्षा बैठक में उजागर हुआ है. ऐसी स्थिति में अधिकारियों पर कार्रवाई करने की बात कही.
कहा कि स्कूलों में गठित शिक्षा समिति, हेडमास्टर, बीइइओ, शिक्षा अधिकारी सभी जिम्मेवार हैं. अपनी जिम्मेवारी से कोई नहीं भागे. समय पर असैनिक निर्माण कार्य पूरा नहीं होने की रिपोर्ट देखने पर अधिकारियों ने गंभीरता से लिया.
हजारीबाग डीएसइ सह डीपीओ डॉ अरुणा नाथ को चेतावनी दी गयी कि वे अपने कार्य प्रणाली में सुधार लायें.
हजारीबाग झारखंड शिक्षा परियोजना को वित्तीय वर्ष में 77 करोड़ रुपये दिये गये. जिले के दर्जनों स्कूलों में शौचालय निर्माण के लिए स्कूलों को पैसा दे दिया गया. बहुत जगह शौचालय नहीं बने हैं. इन सभी विषयों पर निदेशक ममता ने डीएसइ को चेतावनी दी है.