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सुनवाई अब मोबाइल पर
डिजिटाइजेशन के इस दौर में हजारीबाग भी पीछे नहीं है. यहां का डीसी कोर्ट अब ई-कोर्ट बन गया है. अब वकील और मुवक्किल किसी को केस की सुनवाई के लिए हजारीबाग आने की जरूरत नहीं रहेगी. तारीख से लेकर फैसले तक की प्रति ऑनलाइन उपलब्ध होगी. हजारीबाग : जिले में लोग अब घर बैठे ही […]
डिजिटाइजेशन के इस दौर में हजारीबाग भी पीछे नहीं है. यहां का डीसी कोर्ट अब ई-कोर्ट बन गया है. अब वकील और मुवक्किल किसी को केस की सुनवाई के लिए हजारीबाग आने की जरूरत नहीं रहेगी. तारीख से लेकर फैसले तक की प्रति ऑनलाइन उपलब्ध होगी.
हजारीबाग : जिले में लोग अब घर बैठे ही अपने मुकदमे की पैरवी कर सकेंगे. शुक्रवार को डीसी ई-कोर्ट के माध्यम से यह सुविधा लोगों को उपलब्ध करायी गयी.
जिला सत्र न्यायाधीश विष्णुकांत सहाय और डीसी मुकेश कुमार ने संयुक्त रूप से ई-कोर्ट का उदघाटन किया. जिला सत्र न्यायाधीश ने कहा कि हम नये युग और नये परिवेश में प्रवेश कर गये हैं. हर व्यक्ति के पास मोबाइल फोन है. कंप्यूटर के माध्यम से कोर्ट की कार्यवाही का संचालन संभव हो गया है.
लोगों को आने-जाने पर खर्च नहीं करना होगा. समय की भी बचत होगी. उन्होंने कहा कि वर्ष 2009 से ही ई-कोर्ट की प्रक्रिया चल रही है. सिविल कोर्ट में प्रतिदिन नेट पर केस के आॅर्डर से लेकर तरीख तक डाउनलोड किये जाते हैं. इसके अलावा केस से संबंधित वकीलों को उनकी तिथि मोबाइल पर एसएमएस के माध्यम से भेज दी जाती है.
वकीलों के लिए होगी कार्यशाला
डीसी ने कहा कि ई-कोर्ट के माध्यम से उपायुक्त न्यायालय से संबंधित मामले की सुनवाई की जायेगी. इस कोर्ट को पेपरलेस बनाने की प्रक्रिया शुरू की गयी है. इसकी सबसे बड़ी खासियत यह है कि लोगों को कार्यालय के चक्कर नहीं लगाने होंगे और सुनवाई की पूरी प्रक्रिया पारदर्शी होगी. कहा कि एक कार्यशाला में वकीलों को बताया जायेगा कि ई-कोर्ट कैसे काम करेगा.
ये थे मौजूद
मौके पर सदर एसडीओ अनुज कुमार, बरही एसडीओ, जिला आपूर्ति पदाधिकारी भोगेंद्र ठाकुर, कटकमदाग सीओ ओमप्रकाश सहित कई पदाधिकारी व अधिवक्ता मौजूद थे.
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