केरेडारी : पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने कहा कि सरकार को जबरदस्ती जमीन नहीं लेनी चाहिए. किसान जमीन दे देंगे, तो वे कहां जायेंगे. इस तरह की घटना में गोली चलाने वालों पर एफआइआर कर गिरफ्तार किया जाये.
उन्होंने मृतक के परिजनों के लिए 20 लाख मुआवजा, नौकरी एवं घायल के परिजनों के लिये 10-10 लाख रुपये का मुआवजा देने की मांग की.
उन्होंने कहा कि कृषि योग्य जमीन का अधिग्रहण नहीं हो. सुप्रीम कोर्ट ने आठ जुलाई को निर्णय दिया है कि जिस रैयत की जमीन के नीचें खनिज है,उस खनिज के साथ जमीन का मालिक भू रैयत होंगे. इस निर्णय के बाद भी जमीन लेने के लिये जबदस्ती नहीं होनी चाहिए. सुप्रीम कोर्ट के निर्णय का पालन होना चाहिये.
श्री मरांडी ने कहा कि पूर्व में 20-25 लाख लोग झारखंड में विस्थापित हो चुके हैं. लेकिंन उनकी सुधि अभी तक नहीं ली गयी है.पहले इनकी सुधि ली जाय. उन्होंने कहा कि 67 कोल ब्लॉक में 44 कोल ब्लॉक निजी कंपनी को दिया गया है.कंपनी स्थानीय पुलिस व प्रशासन से मिल कर जबरन भूमि अधिग्रहण करा रही है.
इसका हम विरोध करते रहेंगे.केसर महतो की बलिदान व्यर्थ नहीं जाने देंगे.इनके साथ जेवीएम के विधायक दल के नेता प्रदीप यादव, गौतम सागर राणा, केंद्रीय कोषाध्यक्ष सह जिप अध्यक्ष बीके जायसवाल, शिवलाल महतो, जिला अध्यक्ष कृष्णदास पांडेय, किसान मोरचा के प्रदेश अध्यक्ष बालेश्वर कुमार,अर्जुन यादव समेत अन्य नेता उपस्थित थे.