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पुलिस सुरक्षा में बनेगी सड़क

डीजीपी ने भरनो प्रखंड के करंज गांव का दाैरा किया, कहा भरनो के करंज गांव स्थित शिवालया कैंप में अपराधियों ने दो दिन पहले हमला कर उत्पात मचाया था. अपराधियों द्वारा सड़क निर्माण बंद कराने के बाद डीजीपी, डीआइजी व एसपी पहुंचे करंज गांव. स्थिति जाना. गुमला : राज्य के पुलिस महानिदेशक डीके पांडेय गुरुवार […]

डीजीपी ने भरनो प्रखंड के करंज गांव का दाैरा किया, कहा
भरनो के करंज गांव स्थित शिवालया कैंप में अपराधियों ने दो दिन पहले हमला कर उत्पात मचाया था. अपराधियों द्वारा सड़क निर्माण बंद कराने के बाद डीजीपी, डीआइजी व एसपी पहुंचे करंज गांव. स्थिति जाना.
गुमला : राज्य के पुलिस महानिदेशक डीके पांडेय गुरुवार को भरनो प्रखंड के करंज गांव पहुंचे. कई वरीय पुलिस पदाधिकारी भी थे. यहां डीजीपी ने दो दिन पहले झारखंड जनसंघर्ष मोरचा द्वारा शिवालया कैंप में हमला कर 48 करोड़ रुपये का सड़क निर्माण कार्य को बंद कराने की जानकारी ली.
अपराधियों के हमले से बाल बाल बचे 30 मजदूरों के बारे में पूछताछ की. शिवालया कंपनी के डायरेक्टर ऋषिपाल ने बताया कि 28 किमी सड़क बननी है. काम प्रगति पर है. अपराधियों के हमले से कंपनी के लोग डरे हुए हैं. अपराधियों ने मंगलवार की रात को जब हमला किया था, उस समय कंपनी के लोग कमरे में सो रहे थे. किसी को कुछ नहीं हुआ. लगभग 50 लाख रुपये का नुकसान पहुंचा कर अपराधी भाग गये. डीजीपी डीके पांडेय ने कहा कि आप घबराये नहीं. अब सड़क पुलिस सुरक्षा में बनेगी.
एक कंपनी पुलिस फोर्स तैनात की जायेगी. जब तक सड़क पूरी नहीं होती है, तब तक पुलिस फोर्स यहां रहेगी. उन्होंने कंपनी के लोगों का हौसला बढ़ाते हुए कहा कि आप काम कराये. आप विकास का काम कर रहे हैं. इसमें किसी प्रकार की बाधा आने नहीं दी जायेगी. मौके पर डीजीपी के साथ डीआइजी आरके धान, सीआरपीएफ के डीआइजी एमके सच्चर, एसपी चंदन कुमार झा, एएसपी सरोज कुमार, एसडीपीओ बच्चनदेव कुजूर, इंस्पेक्टर जेएस मुरमू, भरनो थानेदार धर्मपाल कुमार, बसिया थानेदार अनिल कुमार थे.
कुम्हारी से झटनी टोली तक बन रही है सड़क
शिवालया कंपनी के प्रोजेक्ट इंचार्ज संदीप कुमार ने कहा कि बसिया प्रखंड के कुम्हारी से लेकर भरनो प्रखंड के करंज से होते हुए झटनी गांव तक 28 किमी सड़क का निर्माण हो रहा है. इसकी लागत 48 करोड़ रुपये है. काम प्रगति पर है. बरसात में काम बंद होने के बाद जो समय मिलता है, उसमें हम तेजी से काम करा रहे हैं.
वायरलेस के लिए टावर लगायें : डीजीपी
डीजीपी ने एसपी चंदन कुमार झा से कहा कि यहां पुलिस सुरक्षा में काम होगी. एक कंपनी फोर्स तैनात करें. यहां फोन से बात करने में दिक्कत है, तो वायरलेस लगायें. पेड़ में एक एंटीना लगा दें. इससे यहां पुलिस फोर्स रह कर काम कर सके.
साहब, मैं तो यहां भी रूक सकता हूं
शिवालया कंपनी के डायरेक्टर से बातचीत के दौरान डीजीपी ने कहा कि साहब, मैं तो रांची से पूरी तैयारी के साथ चला हूं. जरूरत पड़ी तो मैं इसी करंज गांव में रूक सकता हूं. मैं जंगल में रहते आया हूं. मेरी खटिया जंगल में भी लगा लें.
कुर्सी में नहीं, खेत में बैठकर बात की
डीजीपी घोर उग्रवाद प्रभावित करंज गांव पहुंचे. उतरते के साथ वे कैंप स्थल गये. यहां साथ में कई पुलिस पदाधिकारी थे. डीजीपी अपनी गाड़ी से उतरते ही पैदल कैंप में हुई क्षति की जानकारी दी. इसके बाद खेत की तरफ चले गये. उनके बैठने के लिए कुर्सी लायी गयी थी. उन्होंने कुर्सी में नहीं बैठ कर खेत में जा कर बैठ गये. वे एक घंटे तक कंपनी के लोगों के साथ बात की.
सरकार की सोच को पूरा करना है
निरीक्षण के बाद पत्रकारों से बात करते हुए डीजीपी ने कहा कि झारखंड राज्य में बड़े पैमाने पर पुल, पुलिया व सड़क बन रही है. सरकार की सोच विकास करना है. सरकार की सोच के साथ ही पुलिस भी काम कर रही है. सरकार की योजना धरातल पर उतरेगी. इस क्षेत्र में सड़क बनेगी, तो आवागमन का साधन मिलेगा. सड़क का काम बाधित होगा, तो राज्य का विकास बाधित होगा.
करंज में राज्य का पहला मॉडल पुलिस पिकेट बनेगा
डीजीपी डीके पांडेय ने एसपी चंदन कुमार झा को पुलिस पिकेट की स्थापना के लिए दिया दिशा निर्देश. पांच एकड़ जमीन पर बनेगा पिकेट. ढ़ाई करोड़ रुपये खर्च आयेगी. डीजीपी ने ग्रामीणों ने जमीन मांगा. ग्रामीणों ने कहा कि बटकुरी के पास दस एकड़ जमीन है.
करंज से लौटकर दुर्जय पासवान
गुमला जिला के भरनो प्रखंड स्थित उग्रवादियों के गढ़ करंज गांव में मॉडल पुलिस पिकेट की स्थापना होगी. डीजीपी डीके पांडेय ने इसकी अनुमति दे दी है. पिकेट बनाने के लिए पांच एकड़ भूखंड की जरूरत है. ढ़ाई करोड़ रुपये की लागत से पिकेट बनेगा. डीजीपी ने गुमला एसपी चंदन कुमार झा को निर्देश दिया कि पिकेट के लिए जमीन तलाश कर प्रस्ताव भेजे. तुरंत इस पर काम शुरू हो जायेगा.
करंज गांव में पिकेट की स्थापना होने से 100 गांव के लगभग 20 हजार आबादी को सुरक्षा मिलेगी. उग्रवाद व अपराध से जूझ रहे करंज गांव पांच प्रखंड के सीमावर्ती क्षेत्र में है. वर्षो से इस क्षेत्र में निवास करने वाले दहशत में जी रहे हैं. करंज गांव पहुंचकर डीजीपी ने जब पांच एकड़ जमीन की मांग की तो गांव के लोगों ने कहा कि हम दस एकड़ जमीन देने को तैयार हैं. बटकुरी गांव के समीप दस एकड़ जमीन है. जहां आसानी से पुलिस पिकेट की स्थापना हो सकती है.
हेलीकॉप्टर भी उतारना है
डीजीपी ने अपने दौरा के क्रम में कहा कि यहां हेलीकॉप्टर उतारने के लिए हवाई अड्डा भी बनेगा. करंज गांव पांच प्रखंड का सीमावर्ती क्षेत्र में है. इस गांव में पुलिस पिकेट बहुत जरूरी है. एसपी से इसपर गंभीरता से काम करने के लिए कहा और प्रस्ताव मांगा.
शौचालय ठीक बनाये
डीजीपी ने एसपी से कहा कि पिकेट में शौचालय मॉडल बनाये. रहने के लिए क्वार्टर भी ठीक हो. ताकि इस दुर्गम क्षेत्र में पुलिस जवानों को रहने में ज्यादा परेशानी न हो. राज्य का पहला मॉडल पिकेट करंज में बनना चाहिए. ताकि दूसरे जिले के पुलिस पदाधिकारी भी पिकेट बनाने की पहल करें.
गांव के ग्रामीणों की सुनें
करंज गांव के सिलास बाड़ा, दीवाकर सिंह व जगरनाथ भगत ने कहा कि वह लोग पांच सालों से इस क्षेत्र में पुलिस पिकेट बनाने व करंज को प्रखंड का दर्जा देने की मांग कर रहे हैं. सरकार को कई बार पत्र लिखा गया है. लेकिन अभी तक मामला ठंडे बस्ते में पड़ा हुआ है. डीजीपी साहब ने उनकी एक मांग पुलिस पिकेट बनाने का वादा किया है. पिकेट की स्थापना से इस क्षेत्र में उग्रवाद व अपराध पर अंकुश लगेगा.
इन गांवों का लाभ मिलेगा
पुलिस पिकेट बनने से करंज, करौंदाजोर, जोरिया, कठैतकुरा, मालादोन, तेतरबीरा, सलेकया, जाैली, बटकुरी, कनरवां, लालमाटी, महाराजगंज, अलमोरा, बोड़ेकेरा, नरसिंहपुर, पबीरा, ममरला, नगर, गांगड़ा, डुड़िया समेत 100 गांवों को लाभ मिलेगा.
पांच प्रखंड से करंज की दूरी
सिसई प्रखंड से 28 किमी, भरनो से 35, बसिया से 23, कामडारा से 25 व रांची जिला के लापुंग प्रखंड से 20 किमी दूर है. यहां पिकेट बनने से इन पांच प्रखंडों के सीमावर्ती गांव में उग्रवाद व अपराध पर अभियान चलाकर उसे समाप्त किया जा सकता है.

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