डोभा निर्माण में जलडेगा मवि के बच्चे काम कर रहे हैं
मनरेगा एक्ट में जिसका जॉब कार्ड है, उसी को काम करना है
गुमला : गुमला जिला के पालकोट प्रखंड में मनरेगा एक्ट व श्रम कानून की खुलेआम धज्जियां उड़ायी जा रही है. यहां नाबालिग बच्चों से मनरेगा से बनने वाला डोभा खुदवाया जा रहा है. सभी बच्चों की उम्र 10 से 15 साल है. बीते कई दिनों से बच्चे स्कूल छोड़ कर डोभा खोदने के कार्य में लगे हैं.
तत्काल में डहुपानी पंचायत के जलडेगा गांव में बच्चे डोभा निर्माण में लगे हैं. मामले का खुलासा मंगलवार को उस समय हुआ, जब झारखंड मजदूर यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष राजेश सिंह ने गांव का दौरा किया. दौरे के क्रम में उन्होंने देखा कि डोभा निर्माण में कम उम्र के बच्चे लगे हुए हैं. बच्चे मिट्टी खुदाई करने के अलावा भार से मिट्टी फेंकते नजर आये. सभी बच्चे मध्य विद्यालय जलडेगा में पढ़ते हैं. डोभा का निर्माण बुधराम लोहरा की जमीन पर हो रहा है.
ये बच्चे काम कर रहे हैं
मजदूरी कर रहे नाबालिग बच्चों में रोशन सोरेंग (13), सुजीत सोरेंग (12), गंदरू सोरेंग (12), पवन इंदवार (15), रामू गोप (13), जितेश सोरेंग (10) शामिल हैं. डोभा निर्माण कार्य में लगे बच्चे जलडेगा मवि के छात्र हैं. बच्चों ने बताया कि बुधराम लोहरा के डोभा निर्माण में प्रतिदिन 175 रुपये की दर से मजदूरी भुगतान किया जाता है. स्कूल क्यों नहीं जाने की बात पूछे जाने पर बच्चों ने कहा कि घर की माली स्थिति ठीक नहीं होने कारण यहां काम कर रहे हैं.
पालकोट में बाल श्रम की धज्जियां उड़ायी जा रही है. यहां गरीबी व आर्थिक स्थिति का बहाना बना कर बच्चों से मजदूरी करायी जा रही है. प्रशासन को इस दिशा में कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए.
राजेश सिंह, प्रदेश अध्यक्ष, मजदूर यूनियन, झारखंड
बच्चों से किसी प्रकार की मजदूरी नहीं करानी है. अगर करायी जा रही है, तो यह गलत है. इसकी मैं खुद जांच कर कार्रवाई करूंगा. बच्चों से मजदूरी कराना कानूनन अपराध है.
अमित बेसरा, बीडीओ, पालकोट प्रखंड
डोभा निर्माण में बच्चों को लगाया गया है. मैंने बच्चों से कहा था कि तुमलोग डोभा निर्माण में मत काम करो, लेकिन वे लोग अपने मन से काम करने चले गये.
पूनम उरांव, मुखिया, डहुपानी पंचायत