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चैनपुर व गुमला के बीडीओ-बीपीओ से स्पष्टीकरण
मनरेगा के काम में दोनों प्रखंड पीछे हैं. रोजगार सेवक हो सकते हैं बरखास्त. निर्देश के बाद भी काम नहीं हो रहा है. गुमला : गुमला जिले में मनरेगा के काम में पीछे रहने वाले प्रखंड के बीडीओ, बीपीओ व रोजगार सेवक के खिलाफ कार्रवाई की तैयारी चल रही है. कई प्रखंड हैं, जो मनरेगा […]
मनरेगा के काम में दोनों प्रखंड पीछे हैं.
रोजगार सेवक हो सकते हैं बरखास्त.
निर्देश के बाद भी काम नहीं हो रहा है.
गुमला : गुमला जिले में मनरेगा के काम में पीछे रहने वाले प्रखंड के बीडीओ, बीपीओ व रोजगार सेवक के खिलाफ कार्रवाई की तैयारी चल रही है. कई प्रखंड हैं, जो मनरेगा के काम में काफी पीछे चल रहे हैं. इसे लेकर गुमला के उपविकास आयुक्त नागेंद्र कुमार सिन्हा गंभीर हैं.
उन्होंने मनरेगा में सबसे पीछे चल रहे गुमला व चैनपुर प्रखंड के बीडीओ व बीपीओ से स्पष्टीकरण मांगा है. डीडीसी ने दोनों प्रखंड के अधिकारियों को लिखे पत्र में कहा है कि क्यों ने आपके खिलाफ कार्रवाई के लिए सरकार को पत्र लिखा जाये. डीडीसी ने संबंधित प्रखंड के पंचायत, जहां मनरेगा के काम नहीं हो रहे हैं, उस पंचायत के रोजगार सेवकों को बरखास्त करने के लिए कहा है.
डीडीसी ने कहा : अगर बीडीओ व बीपीओ से मांगे गये स्पष्टीकरण संतोषप्रद नहीं रहे, तो कार्रवाई के लिए सरकार को पत्र लिखा जायेगा. उन्होंने कहा कि एक पंचायत में 100 मजदूरों को काम देना था, पर इन दोनों प्रखंड की कई ऐसे पंचायत हैं, जहां मजदूरों को काम नहीं मिला है. इसका साफ अर्थ है कि यहां मनरेगा का काम नहीं हो रहा है. उन्होंने बारबार काम कराने का निर्देश संबंधित प्रखंड के बीडीओ व बीपीओ को दिया है. इसके बावजूद काम नहीं हुआ. वर्ष 2014-2015 व 2015-2016 के मनरेगा के काम अधूरे हैं. जितना लक्ष्य दिया गया है, उससे कम काम हुआ है.
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