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खानापूरी छोड़ें, ईमानदारी से काम करें
गुमला : स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग, झारखंड सरकार के तत्वावधान में दक्षिणी छोटानागपुर की प्रमंडलस्तरीय समीक्षा बैठक बुधवार को गुमला के उर्सुलाइन कॉन्वेंट प्लस टू सभागार में हुई. बैठक में दक्षिणी छोटानागपुर के रांची, खूंटी, गुमला, सिमडेगा व लोहरदगा जिला के डीइओ, डीएसइ, बीइइओ व परिवर्तन दल के सदस्य शामिल हुए. मौके पर राज्य […]
गुमला : स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग, झारखंड सरकार के तत्वावधान में दक्षिणी छोटानागपुर की प्रमंडलस्तरीय समीक्षा बैठक बुधवार को गुमला के उर्सुलाइन कॉन्वेंट प्लस टू सभागार में हुई.
बैठक में दक्षिणी छोटानागपुर के रांची, खूंटी, गुमला, सिमडेगा व लोहरदगा जिला के डीइओ, डीएसइ, बीइइओ व परिवर्तन दल के सदस्य शामिल हुए. मौके पर राज्य शिक्षा सचिव आराधना पटनायक ने शिक्षा के स्तर पर सुधार लाने, विद्यालय में शिक्षकों व बच्चों की उपस्थिति नियमित करने, गांव के अंतिम व्यक्ति तक शिक्षा का लाभ पहुंचाने और विद्यालय में बच्चों के लिए सरकार द्वारा चलायी जा रही विभिन्न योजनाओं की जानकारी दी.
शिक्षा सचिव ने कहा कि राज्य में शिक्षा के स्तर पर सुधार लाने से संबंधित सरकार द्वारा दिये जानेवाले निर्देश का विद्यालयों में सही से पालन नहीं हो रहा है. वजह चाहे जो भी हो, लेकिन काम सही से नहीं हो रहा है. इन समस्याओं के समाधान के लिए जिलास्तर पर सभी सरकारी विद्यालयों के एक-एक रोल मॉडल शिक्षक को मिला कर परिवर्तन दल का गठन किया गया है. इस दल का काम जिले के सभी विद्यालयों में घूम-घूम कर विद्यालय की स्थिति में सुधार लाना है.
25 अक्तूबर तक विद्यालय की स्थिति में सुधार लायें
शिक्षा सचिव ने परिवर्तन दल के सदस्यों को हिदायत देते हुए कहा कि इसके लिए 25 अक्तूबर तक का समय निर्धारित है. 30 अक्तूबर तक हर हाल में इस काम को पूरा करना है.
उन्होंने खानापूरी का काम छोड़ कर ईमानदारी से काम करने को कहा. शिक्षा सचिव ने कहा कि विद्यालयों को ए, बी, सी और डी श्रेणी में बांटा गया है. ए श्रेणी का मतलब विद्यालय में सभी प्रकार की सुविधाएं उपलब्ध कराना है. विद्यालय समय पर खुलता है कि नहीं.
शिक्षक व बच्चे समय पर नियमित रूप से विद्यालय पहुंचते हैं कि नहीं. बी श्रेणी में वैसे विद्यालय आयेंगे, जिसमें ए श्रेणी के अनुरूप कुछ कमियां हैं. डी व सी श्रेणी के विद्यालय भी होंगे. परिवर्तन दल का काम सभी विद्यालयों को ए श्रेणी में लाना है. बैठक में माध्यमिक शिक्षा निदेशक डॉक्टर मनीष रंजन, प्राथमिक शिक्षा निदेशक कृपानंद झा, एमडीएम निदेशक जगजीत सिंह व झारखंड परियोजना प्रशासनिक पदाधिकारी मुकेश सिन्हा सहित पांच जिला के डीइओ, डीएसइ, बीइइओ व परिवर्तन दल के सदस्य उपस्थित थे.
एमडीएम में बच्चों को मिलता है आधा अंडा
शिक्षा सचिव ने कहा कि राज्य के सभी विद्यालयों के बारे में स्टेट में बैठे-बैठे ही विद्यालय की स्थिति की जानकारी मिलती रहती है. भ्रमण के दौरान कई विद्यालयों में देखा गया कि एमडीएम में बच्चों को सही से भोजन नहीं दिया जाता है. अंडा भी आधा दिया जाता है. इसमें भी सुधार की जरूरत है. इसके लिए एक सॉफ्टवेयर बनाया गया है. गड़बड़ी करनेवाले तुरंत पकड़े जायेंगे.
एसएमएस का पैसा सरकार देगी
शिक्षा सचिव ने बताया कि विद्यालय में एमडीएम से संबंधित जानकारी देने के लिए एसएमएस करना पड़ता है. प्राय: शिकायत रहती है कि एसएमएस करते हैं, तो इसका पैसा कौन देगा. इस समस्या का भी समाधान कर लिया गया है. एसएमएस का पैसा सरकार देगी. एमडीएम से संबंधित सभी प्रकार की जानकारी एसएमएस के माध्यम से करवाना सुनिश्चित करें.
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