जगरनाथ पासवान
गुमला जिले के बिशुनपुर प्रखंड के वैसे गांव, जहां इस गर्मी में जल संकट था. लोग पानी के लिए भटक रहे थे. उन गांवों में भविष्य में ऐसा संकट न हो, उससे निपटने की मुहिम शुरू की गयी है.
गांवों के पुराने चुआं व दाड़ी की मरम्मत व सफाई की जा रही है. श्रमदान से नये दाड़ी और चुआं खोदे जा रहे हैं. इस काम में विकास भारती बिशुनपुर पठारी क्षेत्र में रहनेवाले ग्रामीणों का सहयोग कर रहा है. बोरा बांध के बाद चुआं व दाड़ी का निर्माण बिना सरकारी सहयोग के हो रहा है.
विकास भारती लोगों को जल संकट से निपटने के उपाय भी बता रहा है. यह मुहिम पहाड़ पर बसे गांवों में चल रही है. गुरदरी पंचायत के खैरापाठ गांव में विकास भारती के राजकुमार असुर व विनोद चौरसिया के नेतृत्व में अभियान चला और श्रमदान से चुआं बने. इस चुआं के बनने से गांव के 15 परिवार को अब पानी के लिए भटकना नहीं पड़ेगा.
श्रमदान में गांव के सोहराई असुर, नरेश असुर, सोमा असुर, रामलाल असुर, जगदीश असुर, बंधन उरांव, रवि उरांव, सुकरा उरांव, शनिचर असुर, बसंत असुर, सुधीर उरांव थे. कटिया व सखुवापानी में भी ग्रामीण खुद पहल कर रहे हैं. ये सभी उग्रवाद प्रभावित गांव हैं. प्रशासन के लोग यहां नहीं आते. इसलिए ग्रामीण खुद अपनी प्यास बुझाने के लिए चुआं व दाड़ी बना रहे हैं.