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52 गांवों में लगायेंगे बीएसएनएल के टावर
माओवािदयों के गढ़ में संचार तंत्र मजबूत करेगी सरकार गुमला जिले के 52 नक्सल प्रभावित गांवों को बीएसएनएल टावर लगाने के लिए चिह्नित किया गया है. पुलिस विभाग की सक्रियता से 48 गांवों में टावर लगाने का काम चल रहा है. विभाग के अनुसार, 38 मोबाइल टावर चालू हो गये हैं. शेष गांवों में जल्द […]
माओवािदयों के गढ़ में संचार तंत्र मजबूत करेगी सरकार
गुमला जिले के 52 नक्सल प्रभावित गांवों को बीएसएनएल टावर लगाने के लिए चिह्नित किया गया है. पुलिस विभाग की सक्रियता से 48 गांवों में टावर लगाने का काम चल रहा है. विभाग के अनुसार, 38 मोबाइल टावर चालू हो गये हैं. शेष गांवों में जल्द टावर लगाये जायेंगे.
दुर्जय पासवान
गुमला : गुमला जिले के पहाड़ व जंगलों में रहनेवाले मोबाइलधारक लोगों के लिए खुशखबरी है. नक्सलियों के गढ़ में भी अब मोबाइल की घंटे बजेगी. लोग आसानी से कहीं भी बात कर सकेंगे.
गुमला पुलिस व प्रशासन की पहल से नक्सल इलाकों में मोबाइल टावर लगाया जा रहा है. अभी गुमला जिला के 52 गांवों को चिह्नित किया गया है. यहां बीएसएनएल टावर लगाने की प्रक्रिया चल रही है. पुलिस की सुरक्षा में अब तक 48 गांवों में मोबाइल टावर लगाया जा चुका है. इसमें 38 मोबाइल टावर चालू है. ग्रामीण क्षेत्र के लोग इसका फायदा उठा रहे हैं. कल तक जिस गांव से संपर्क नहीं हो पाता था.
अगले वर्ष और 33 टावर लगेंगे
वित्तीय वर्ष में 52 मोबाइल टावर लगाया जायेगा. अगले वित्तीय वर्ष में और 33 बीएसएनएल टावर लगाने की योजना बनायी गयी है. पुलिस उन गांवों को चिह्नित करने में जुट गयी है, जहां मोबाइल का टावर नहीं है. विभाग के अनुसार, जैसे ही पुलिस प्रशासन की ओर से सूचना मिलेगी, मोबाइल टावर लगाने का काम शुरू कर दिया जायेगा.
दो टावर जला चुके हैं नक्सली
नक्सली नहीं चाहते हैं कि गांवों में मोबाइल टावर लगे. मोबाइल टावर लगेगा, तो पुलिस का संपर्क गांवों से बढ़ जायेगा. नक्सलियों ने अभी एक माह के अंदर दो मोबाइल टावर को जला दिया है. इसमें पालकोट के डोंबाबीरा व रायडीह प्रखंड के सुरसांग में मोबाइल टावर को नक्सलियों ने जला दिया था. इन टावरों की मरम्मत करने का काम नहीं किया गया है.
टावर लगने से होंगे फायदे
अभी तक चयनित सभी 52 गांव नक्सल प्रभावित हैं. माओवादी व पीएलएफआइवाले इलाके में ही टावर लगाये जा रहे हैं. इन गांवों में टावर लगाने का मुख्य कारण पुलिस को अपनी सूचना तंत्र को मजबूत करना है. गांवों में मोबाइल टावर नहीं रहने से पुलिस को उस गांव से संपर्क करने में दिक्कत होती है. किसी घटना की जानकारी या नक्सलियों की आवाजाही की भी जानकारी नहीं मिल पाती थी. टावर लगने से अब पुलिस को सभी सूचना मिल रही है.
फोकस है बनालात व गुरदरी
बनालात एक्शन प्लान के तहत बनालात व जोरी में बीएसएनएल टावर लगना है. यह प्रक्रिया में है. बनालात में मशीन नहीं लगी है. गुरदरी में भी मशीन नहीं लगी है. इसके कारण मोबाइल टावर काम नहीं कर रहा है. जोरी में नया टावर लगेगा. अगर इन इलाकों में मोबाइल टावर काम करना शुरू किया, तो काफी फायदा होगा. पुलिस इन तीनों क्षेत्रों को फोकस कर काम कर रही है.
टावर के लिए जमीन की दिक्कत
कुछ स्थानों पर टावर लगाने के लिए जमीन की दिक्कत है. इसके लिए सभी अंचल के सीओ को पत्र भेज कर जमीन उपलब्ध कराने के लिए कहा गया है.
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