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अफसरों को दिये सख्त निर्देश
बैठक. डीसी ने मुख्यमंत्री लक्ष्मी लाडली व कन्यादान योजना की समीक्षा की उपायुक्त श्रवण सोय ने मुख्यमंत्री लक्ष्मी लाडली योजना व कन्यादान योजना सहित कई योजनाओं की समीक्षा की़ समीक्षा के दौरान कई योजनाएं निर्धारित समय तक पूरा नहीं होने पर उन्होंने नाराजगी जतायी़ उन्होंने संबंधित विभाग के पदाधिकारियों को हर हाल में लक्ष्य पूरा […]
बैठक. डीसी ने मुख्यमंत्री लक्ष्मी लाडली व कन्यादान योजना की समीक्षा की
उपायुक्त श्रवण सोय ने मुख्यमंत्री लक्ष्मी लाडली योजना व कन्यादान योजना सहित कई योजनाओं की समीक्षा की़ समीक्षा के दौरान कई योजनाएं निर्धारित समय तक पूरा नहीं होने पर उन्होंने नाराजगी जतायी़ उन्होंने संबंधित विभाग के पदाधिकारियों को हर हाल में लक्ष्य पूरा करने को कहा़
गुमला : डीसी श्रवण साय ने विकास भवन में सभी प्रखंड के सीडीपीओ, जिला बाल संरक्षण इकाई, रिमांड होम व मूक बधिर सहित अन्य विभागों के प्रतिनिधियों के साथ शनिवार को समीक्षा बैठक की. बैठक में डीसी ने सबसे पहले मुख्यमंत्री लक्ष्मी लाडली योजना एवं कन्यादान योजना की समीक्षा की.
समीक्षा के क्रम में बताया गया कि मुख्यमंत्री लक्ष्मी लाडली योजना के तहत 1670 बच्चियों का खाता खोलने का लक्ष्य निर्धारित है. इसके विरोध में अब तक मात्र 551 का अनुमोदन किया गया है, जबकि 119 आवेदन अनुमोदन के लिए भेजने की प्रक्रिया चल रही है. इसी तरह कन्यादान योजना के लिए 615 बच्चियोें का खाता खोलने का लक्ष्य निर्धारित है. इसके विरुद्ध मात्र 35 से 40 प्रतिशत को ही लाभ दिया गया है.
इस पर डीसी ने चिंता जाहिर करते हुए कहा कि क्यों पूरा नहीं हो रहा लक्ष्य, क्या वजह है. डीसी ने बैठक में सभी सीडीपीओ को फटकार लगायी और 20 मार्च से पूर्व निर्धारित लक्ष्य को पूरा करने का निर्देश दिया. वहीं विकलांगता छात्रवृत्ति की समीक्षा में भी डीसी ने नाराजगी प्रकट की.
डीसी ने सभी सीडीपीओ को फटकार लगाते हुए संबंधित क्षेत्र से विकलांगों की सूची तैयार करने और विकलांगता छात्रवृत्ति देने के लिए विकलांगों का चयन करने का निर्देश दिया. बाल सुधार गृह की समीक्षा में डीसी ने गृह में बाल बंदियों के लिए वीडियो कांफ्रेंस हॉल के निर्माण के लिए आवंटन प्राप्त की दिशा में विशेष पहल करते हुए विभागीय पत्राचार करने का निर्देश दिया.
कमेटी बनाने का निर्देश
जिला बाल संरक्षण इकाई की समीक्षा में डीसी ने बाल संरक्षण की दिशा में जिले में चल रहे कार्य की धीमी गति पर चिंता जाहिर की. जिला बाल संरक्षण पदाधिकारी संजय कुमार ने बताया कि बाल संरक्षण की दिशा में कार्य करने के लिए प्रखंड व ग्राम स्तर पर कमेटी बनानी है, जिसे वर्ष 2015 में ही पूरा कर लेना था, लेकिन अभी तक नहीं किया गया है. प्रखंड स्तर पर एक भी कमेटी का गठन नहीं किया गया है. वहीं ग्राम स्तर पर बसिया, कामडारा, डुमरी व जारी में कमेटी बनायी गयी है.
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