गुमला : चैनपुर पेरिस के को-ऑपरेटिव सोसाइटी बैंक से रविवार की रात डकैत 5.50 लाख रुपये लूट कर ले गये. इससे पहले चैनपुर के डीन फादर पीटर तिर्की, पुरोहित विनोद सोरेंग, सिस्टर रेजिना व सिस्टर सुमीरा को बंधक बना कर रखा. अपराधियों की संख्या 10 थी. सभी हथियार से लैस थे. अलमीरा में दो लाख रुपये रखे थे, जिसे थैला में डालने के बाद डकैताें ने बैंक की तिजाेरी ताेड़ने का प्रयास किया.
तिजाेरी नहीं टूटी, तो अपराधी तिजाेरीही उठा कर ले गये. तिजाेरी में 3.50 लाख रुपये था. सोमवार की सुबह सूचना पर पुलिस मिशन बैंक पहुंची और मामले की जांच शुरू की. खोजी कुत्ता भी मंगाया गया, लेकिन डकैताें का सुराग नहीं मिला है. वारदात स्थल से पुलिस को खून से सना एक गंजी, रस्सी व कुछ सामान मिले हैं. दरवाजे में खून लगा है. संभवत: दरवाजा तोड़ते समय किसी अपराधी का हाथ कटा है.
बंधक बना कर पुरोहितों के आवास ले गये : पुरोहित व धर्मबहनों ने बताया कि अपराधी रात करीब 10 बजे पहुंचे. सबसे पहले सिस्टर रेजीना व सिस्टर सुमीरा के पास काे बंधक बना कर पुरोहितों के आवास ले गये. वहां सिस्टरों से फादर विनोद का दरवाजा खुलवाया.
विनोद को कब्जा में करने के बाद अपराधी अंदर घुसे. आवाज सुन कर डीन फादर पीटर तिर्की निकले, तो उसे भी बंधक बना लिया. पहले पुरोहितों के कमरे की छानबीन की. जब कुछ नहीं मिला, तो पिस्तौल का भय दिखा कर उन्हें बैंक ले गये और लूटपाट की. पुलिस के अनुसार, पूरी प्लानिंग के साथ घटना को अंजाम दिया गया है.
लूटपाट में स्थानीय अपराधी गिरोह का हाथ होने की संभावना है. पुलिस पूरे मामले की जांच कर रही है. बहुत जल्द अपराधियों को पकड़ लिया जायेगा. थाने में अज्ञात लुटेरों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है.
कपिंद्र उरांव, डीएसपी, गुमला
2006 में भी लूट हुई थी
मिशन बैंक में लूट की यह दूसरी घटना है. 22 अगस्त 2006 को इसी प्रकार अपराधियों ने लूटपाट की थी. उस समय फादर पंखरासियुस केरकेट्टा यहां के डीन थे, जो वर्तमान में चैनपुर कॉलेज के प्राचार्य हैं. उस समय डेढ़ लाख रुपये की डकैती हुई थी. सभी आराेपी पकड़े गये थे. राशि भी बरामद हुई थी.