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ये वादियां बुला रहीं हैं…
गुमला जिले के पिकनिक स्पॉट पर्यटकों को बुला रही है कई दर्शनीय स्थल है. हसीन वादियां, पहाड़ की चोटी है जंगल व इठला कर बहती नदी की धारा दिल को छूती है दुर्जय पासवान गुमला : लोकतंत्र के महापर्व व ईसाईयों के बड़ा पर्व हर्षोल्लास के साथ संपन्न होने के बाद जिलेवासी अब नवापर्व (नववर्ष […]
गुमला जिले के पिकनिक स्पॉट पर्यटकों को बुला रही है
कई दर्शनीय स्थल है. हसीन वादियां, पहाड़ की चोटी है
जंगल व इठला कर बहती नदी की धारा दिल को छूती है
दुर्जय पासवान
गुमला : लोकतंत्र के महापर्व व ईसाईयों के बड़ा पर्व हर्षोल्लास के साथ संपन्न होने के बाद जिलेवासी अब नवापर्व (नववर्ष 2016) की तैयारी में जुट गये हैं. चार दिन के बाद 2016 का नया सूर्योदय होगा. जिले की सवा 10 लाख आबादी नववर्ष की तैयारी में है.
हसीन वादियों के बीच अवस्थित जिले के विभिन्न पिकनिक स्पॉट पर्यटकों को बुला रही है. गुमला में नववर्ष में पिकनिक मनाने की अलग ही परंपरा है, जो समय के साथ बदल रहा है.
वर्तमान समय में पिकनिक मनाने की परंपरा हाईटेक हो गयी है. पहले लोग परिवार के साथ पिकनिक मनाते थे. अब लोग प्रमुख पिकनिक स्पॉटों में पहुंच कर पिकनिक मनाते हैं. गुमला में दर्जनों पिकनिक स्पॉट हैं. जहां नववर्ष में सपरिवार मना सकते हैं.
नागफेनी का अद्भुत नजारा
नागफेनी : यह गुमला से 15 किमी दूर है. सिसई प्रखंड में आता है. यहां आसानी से पहुंच सकते हैं. एनएच पर होने के कारण 24 घंटा आवागमन की पूरी सुविधा है. नागफेनी में ठहरने के लिए व्यवस्था नहीं है. गुमला में ठहरा जा सकता है. यहां देखने के लिए हसीन वादियां, अंबाघाघ व जगरनाथ मंदिर है. यहां नागसंथ को देखा जा सकता है. सात खाटी कुआं भी है. यहां इठला कर बहती नदी की धारा दिल को छूता है.
पंपापुर में गोबरसिल्ली पहाड़
पंपापुर : पंपापुर को वर्तमान में पालकोट प्रखंड से जाना जाता है. यह गुमला से 25 किमी दूर है. एनएच के किनारे है. यहां आसानी से पहुंच सकते हैं. कई दर्शनीय स्थल है. सुग्रीव की गुफा साक्षात है. सुग्रीव गुफा के अंदर निर्मल झरना है. गोबर सिल्ली पहाड़, काजू बगान, पहाड़ की चोटी पर तालाब, पहाड़ के बीच में मंदिर. निरझर झरना देखने लायक हैं. यहां ठहरने की व्यवस्था नहीं है. गुमला में ठहर सकते हैं.
टांगीनाथ धाम में गड़ा त्रिशूल
टांगीनाथ धाम : यह डुमरी प्रखंड में है. गुमला से 75 किमी दूर है. मझगांव में पड़ता है. यह धार्मिक स्थल है. लेकिन लोग इसे पिकनिक स्पॉट के रूप में भी देखते हैं. यहां भगवान टांगीनाथ के त्रिशूल को देख सकते हैं. यहां कई प्राचीन स्रोत हैं, जो देखने लायक है और दिल को छूता है. मझगांव में होने के कारण यहां आसपास के गांव भी देखने योग्य है. यहां ठहरने की व्यवस्था नहीं है. गुमला में ठहर सकते हैं.
तीन दिशाओं से बहती नदी की धारा
बाघमुंडा : यह बसिया प्रखंड में है. गुमला से 50 किमी दूर है. यहां जो एक बार आता है, बार-बार आने की इच्छा लेकर जाता है. यहां तीन दिशाओं से निकलनेवाली नदी की धारा देखने में मजा आता है. लेकिन यह नजारा सिर्फ बरसात के दिनों में देखा जा सकता है. पहाड़ की ऊंचाई से नदी को देखने से दिल को सुकून मिलता है. यह घने जंगल व पहाड़ों के बीच अवस्थित है. यहां ठहरने की व्यवस्था नहीं है. खूंटी या फिर गुमला में ठहर सकते हैं.
देवाकी मंदिर के समीप का दृश्य
देवाकीधाम : यह घाघरा प्रखंड में है. गुमला से 30 किमी दूर है. आने-जाने के लिए रास्ता ठीक है. यहां पांच पांडवों के रुकने के कारण इस स्थान का नाम देवाकी पड़ा है. पहाड़ की गुफा में शिवलिंग है. मंदिर देखने लायक है. बगल में नदी बहती है. यहां आने के बाद सकून मिलता है. यहां ठहरने की व्यवस्था नहीं है. गुमला में ठहर सकते हैं. घाघरा में खाने-पीने के लिए कुछ अच्छे होटल हैं.
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