गुमला : पालकोट व रायडीह के सीमावर्ती जंगल से गिरफ्तार भाकपा माओवादी के हार्डकोर नक्सली एरिया कमांडर मिथिलेश यादव झारखंड राज्य के पूर्व डीजीपी बीडी राम पर हमले का आरोपी है.
वर्ष 2013 में मिथिलेश के दस्ते ने श्रीराम पर हमला किया था. जिसमें श्री राम बाल-बाल बच गये थे. मिथिलेश कई बार पुलिस पार्टी पर भी हमला कर चुका है. उसके खिलाफ लातेहार जिला के विभिन्न थानों में कई मामले दर्ज है. गुमला पुलिस ने मिथिलेश को बड़ी चतुराई से पकड़ा है. यह झारखंड राज्य की पुलिस के लिए बड़ी सफलता है.
मिथिलेश अपनी पत्नी के साथ गुमला आया हुआ था. वह माओवादी सबजोनल कमांडर संजय यादव उर्फ अतीन से मिलने रायडीह व पालकोट के बॉर्डर पर स्थित जंगल में गया था. तभी गुमला पुलिस व 218 सीआरपीएफ बटालियन ने संयुक्त रूप से अभियान चलाकर मिथिलेश को धर दबोचा. लेकिन पुलिस ने मिथिलेश की पत्नी को छोड़ दिया.
लातेहार में मिथिलेश के खिलाफ केस होने के कारण गुमला पुलिस उसे लातेहार जिला लेकर गयी. जहां मिथिलेश की निशानदेही पर कुमानडीह जंगल से भारी मात्र में विस्फोटक बरामद किया है. बरामद विस्फोटक का उपयोग नक्सली पंचायत चुनाव में करने के लिए रखे हुए थे.
लेकिन पुलिस दबिश के कारण विस्फोटक का उपयोग नहीं कर पाये थे. वहीं जंगल में नक्सलियों के कैंप को भी ध्वस्त कर दिया गया. ठंड से बचने के लिए नक्सलियों ने जंगल के बीच में झोपड़ीनुमा घर बनाया था. जिसे पुलिस ने तहस नहस कर दिया. अभी मिथिलेश से लातेहार पुलिस पूछताछ कर रही है.