::: बांझपन का निराकरण संभवफोटो- एलडीजीए – 19 कॉउसेलिंग में मौजूद चिकित्सक.लोहरदगा. संत उर्सुला अस्पताल में शिविर लगा कर बांझपन पर काउंसेलिंग की गयी. जिले के प्रसिद्ध चिकित्सक डॉ आयलिन ने बताया कि इस काउंसेलिंग का आयोजन संत उर्सुला अस्पताल एवं देव कमल हॉस्पीटल के संयुक्त तत्वाधान में किया गया. इसमें डॉ अमूल्या स्वाती भी मौजूद थी. इसका मुख्य उद्देश्य लोगों को जागरूक करना था. आज बांझपन के कई कारण हैं, जिनमें समय से पहले विवाह, समय के बाद विवाह एक प्रमुख कारण है. विवाह एक निश्चित उम्र में होनी चाहिए. यदि विवाह के एक वर्ष बाद बच्चा न हो तो इसकी जांच चिकित्सक से करानी चाहिए. 30 वर्ष उम्र के बाद विवाह हो और छह माह के अन्दर बच्चा न हो तो भी चिकित्सक के पास जाना चाहिए. आज के जमाने में ये शिकायत आम हो गई है. बांझपन के और भी कई कारण हो सकते हैं. जिसमें वातावरण का प्रभाव, जंकफूड का सेवन, कीटनाशक दवाओं से उपजी सब्जियों का सेवन भी बांझपन के कारण है. डॉ आयलिन ने कहा कि महिलाएं जागरूक बनें और इसे अभिशाप न समझें. इसका इलाज बहुत सरल है. चिकित्सक के पास जाकर परामर्श ले आपकी समस्या का निदान होगा. धैर्य से काम लेने की जरूरत होती है. नीम हकिम, झोलाछाप एवं अंधविश्वास के चक्कर में न पड़े.
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::: बांझपन का निराकरण संभव
::: बांझपन का निराकरण संभवफोटो- एलडीजीए – 19 कॉउसेलिंग में मौजूद चिकित्सक.लोहरदगा. संत उर्सुला अस्पताल में शिविर लगा कर बांझपन पर काउंसेलिंग की गयी. जिले के प्रसिद्ध चिकित्सक डॉ आयलिन ने बताया कि इस काउंसेलिंग का आयोजन संत उर्सुला अस्पताल एवं देव कमल हॉस्पीटल के संयुक्त तत्वाधान में किया गया. इसमें डॉ अमूल्या स्वाती भी […]
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