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उग्रवादी को जिंदा नदी में गाड़ा
शशिभूषण पीएलएफआइ का था सबजोनल कमांडर घाघरा पुलिस ने दो जनवरी को शव को नदी से बरामद किया था गुमला : पीएलएफआइ का सबजोनल कमांडर शशिभूषण झोरा मारा गया. वह कामडारा थाना के मुरगीकोना जंगल में हुए नरसंहार का आरोपी था. कामडारा, बसिया व सिसई इलाके में उसका आतंक था. इन तीनों थाना क्षेत्र में […]
शशिभूषण पीएलएफआइ का था सबजोनल कमांडर
घाघरा पुलिस ने दो जनवरी को शव को नदी से बरामद किया था
गुमला : पीएलएफआइ का सबजोनल कमांडर शशिभूषण झोरा मारा गया. वह कामडारा थाना के मुरगीकोना जंगल में हुए नरसंहार का आरोपी था. कामडारा, बसिया व सिसई इलाके में उसका आतंक था.
इन तीनों थाना क्षेत्र में उसके खिलाफ कई मामले दर्ज हैं. पुलिस को उसकी तलाश थी. एक जनवरी को शांति सेना के सदस्यों ने उसका अपहरण कर लिया था. इसके बाद घाघरा क्षेत्र के डुको सिकवार गांव ले गये. जहां दोनों हाथ रस्सी से बांध कर कोयल नदी में जिंदा गाड़ दिया था.
दम घुटने से उसकी मौत हुई है. शांति सेना ने शशिभूषण का एके 47 हथियार भी लूट लिया है. घाघरा पुलिस ने दो जनवरी को ही कोयल नदी से शव को बरामद कर लिया था. परंतु उस समय उसकी पहचान नहीं हो सकी थी. शव को गुमला सदर अस्पताल के पोस्टमार्टम हाउस में रखा गया था. सोमवार को परिजन पोस्टमार्टम हाउस पहुंच कर शव की पहचान किये हैं. पुलिस ने आवश्यक कागजी कार्रवाई करने के बाद शव को परिजनों को सौंपा.
अपनों ने ही शशिभूषण को धोखा दिया
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार शशिभूषण अपने दस्ते के साथ बसिया थाना के लौवाकेरा दुमकीटोली गांव में था. वह एक जनवरी को नववर्ष का जश्न मना रहा था. तभी उसी के दस्ते का एक सदस्य शांति सेना के सदस्यों से जाकर मिल गया और शशिभूषण द्वारा पार्टी मनाये जाने की जानकारी दी.
चूंकि कामडारा के मुरगीकोना जंगल में शांति सेना के तीन सदस्यों समेत सात लोगों की हत्या से शांति सेना के सदस्य बौखलाये हुए थे, इसलिए शांति सेना ने दुमकीटोली पहुंच कर शशिभूषण को घेर लिया. अन्य लोग भाग निकले, पर वह पकड़ा गया. इसके बाद शांति सेना के सदस्य उसका अपहरण कर घाघरा प्रखंड के डुको सिकवार गांव ले आकर मार दिये. शशिभूषण का घर बसिया प्रखंड के निनई गांव है.
उसकी बहन उषा कुमारी ने बताया कि शशिभूषण स्नातक पास है. कोई काम नहीं मिलने के कारण वह गांव में ही दवा दुकान खोल कर चलाता था. मरहम पट्टी करने व सूई देने का ट्रेनिंग भी लिया था.
इस प्रकार उग्रवादी बना शशिभूषण
परिजनों ने बताया कि शशिभूषण दो साल पहले पीएलएफआइ में शामिल हुआ था. वह सीधा साधा युवक था. परंतु कुछ लोग उन्हें परेशान करते थे. पैसा की मांग किया जाता था. इससे वह त्रस्त हो गया था. कई बार मारपीट भी किया गया. इससे तंग आकर वह पीएलएफआइ में शामिल हो गया.
इन्होंने शव की पहचान की
छोटी बहन उषा कुमारी, बड़ा पिता मटन झोरा, चचेरा भाई मनोहर, फुलचंद यादव, नारायण सोलंकी, छेदिया गोप, करण सोलंकी, संजय सोलंकी सहित कई लोग सोमवार को गुमला सदर अस्पताल के पोस्टमार्टम हाउस पहुंचे थे. तीन जनवरी को प्रभात खबर में अज्ञात शव का समाचार फोटो के साथ छपी थी. उसी फोटो को देख कर परिजनों ने पहले शव की पहचान की. इसके बाद पोस्टमार्टम हाउस में रखे शव को पहचाना.
परिजनों से की पूछताछ
शव की पहचान होने के बाद गुमला सर्किल के इंस्पेक्टर तेजनारायण सिंह व घाघरा थाना प्रभारी पंकज सिंह पहुंचे. इन पुलिस अधिकारियों ने मृतक की बहन उषा व बड़ा पिता मटन झोरा से बयान लिया. इसके बाद उन्हें शव को सौंप दिया गया.
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