गुमला : घाघरा प्रखंड अंतर्गत बेलागढ़ पंचायत के ग्राम गोया में छह दशक पूर्व बना अल्पसंख्यक प्राथमिक विद्यालय सरकार व शिक्षा विभाग की उदासीनता के कारण चार वर्षो से बंद पड़ा है. इससे गोया ग्राम के अल्पसंख्यक व जनजातीय बच्चे नि:शुल्क सरकारी शिक्षा से वंचित हैं.
इस अल्पसंख्यक विद्यालय के बंद होने से जहां कई बच्चों की पढ़ाई बंद हो गयी. वहीं लगभग 160 बच्चे तीन किलोमीटर दूर जटेया निजी विद्यालय में पढ़ने को विवश हैं.
गांव की कुल जनसंख्या 836 है. इस संबंध में विद्यालय के वर्तमान सचिव मो अजीम खान ने बताया कि मुसलिम बहुल गोया गांव में बच्चों की शिक्षा के मद्देनजर उक्त विद्यालय का निर्माण एक अक्टूबर 1953 को हुआ था. उस समय पठन–पाठन के कार्य के लिए सतार खान व नवी खान ने गोया गांव में 40 डिसमिल जमीन पर विद्यालय स्थापित कर शिक्षक मो वाहिद खान की नियुक्ति की गयी थी.
विद्यालय स्थापित होने के 16 वर्ष बाद बिहार सरकार ने उक्त विद्यालय को अल्पसंख्यक विद्यालय गोया का दर्जा दिया. शिक्षक वाहिद खान की सेवानिवृत्ति होने के बाद प्रधानाध्यापक हकीम अंसारी व शिक्षक कमरूल खान, मोख्तार खान व मजहर खान की नियुक्ति की गयी.
इसके बाद वर्ष 2003 से 2009 तक विद्यालय में कार्यरत शिक्षकों को वेतन भुगतान नहीं किया गया और विद्यालय बंद हो गया. इसके बाद सर्वशिक्षा अभियान के तहत वर्ष 2010-11 में ग्राम गोया में नवप्राथमिक विद्यालय खोला गया. विद्यालय में पढ़ाने के लिए एक पारा शिक्षक वीरेंद्र बड़ाइक को पदस्थापित किया गया.
इसके बाद नवप्राथमिक विद्यालय गोया के भवन निर्माण के लिए शिक्षा विभाग ने वित्तीय वर्ष 2011-12 में सात लाख 97 हजार पांच सौ रुपये दिया. कार्य शुरू भी हुआ, लेकिन शिक्षक की उदासीनता के कारण भवन का आधा–अधूरा कार्य करा कर छोड़ दिया गया.
इस संबंध में शिक्षा प्रसार पदाधिकारी कृष्ण वल्लभ शाह ने बताया कि विद्यालय निर्माण कार्य में अनियमितता बरतने और पारा शिक्षक वीरेंद्र बड़ाइक द्वारा कार्य में लापरवाही के मद्देनजर कार्रवाई के लिए गुमला डीएसई को प्रतिवेदन समर्पित किया गया है.