: गुमला जिले में वर्ष 2011 में 21, 2012 में 26, 2013 में 30 व 2014 में अबतक 15 लोग अंधविश्वास की भेट चढ़ चुके हैं.प्रतिनिधि, गुमलाअंधविश्वास कहने से ही भूत, प्रेत, आत्मा, छूआछूत व डायन बिसाही जैसी प्राचीन काल से चली आ रही अंधविश्वासी बातें मन में बैठ जाती है. इस हाईटेक युग में इन विषयों पर बात करना थोड़ा अटपटा लगता है. लेकिन जिस प्रकार समाज का विभाजन है, अभी भी समाज में अंधविश्वास की जड़े मजबूत बनी हुई है. खासकर गांव इस हाईटेक युग में भी अंधविश्वास से पार नहीं पा सका है. ऐसा नहीं है कि इसके खिलाफ जागरूकता अभियान नहीं चल रहा है. जिला विधिक सेवा प्राधिकार, सामाजिक संगठन, जिला प्रशासन व विभिन्न सरकारी योजनाओं के माध्यम से एनजीओ (स्वयं सेवी संगठनों) द्वारा लोगों को अंधविश्वास से दूर रहने के लिए जागरूकता अभियान चलाये जा रहे हैं. अंधविश्वास के खिलाफ साल भर जागरूकता अभियान चले. इसके बाद भी गुमला जिले में वर्ष 2011 में 21 लोग अंधविश्वास की भेंट चढ़ गये. इसी प्रकार 2012 में 26, 2013 में 30 व 2014 में अबतक 15 लोगों की जान अंधविश्वास में जा चुकी है. इसमें वृद्ध महिला समेत पुरुष भी हैं. इन हत्याकांडों के कई आरोपी जेल के सलाखों के पीछे हैं और हत्या करने के बाद अपने आपको कोस रहे हैं. अंधविश्वास को जड़ से खत्म करने के लिए गांव की सरकार की भूमिका अहम है. क्योंकि अंधविश्वास गांव में सबसे ज्यादा है.पहली घटना : गुमला के कांसीटोली गांव में रति उरांव ने अपनी चाची बिरसो उरांइन की डायन बिसाही में हत्या कर दिया. रति का बड़ा भाई बीमार है. इसलिए उसने अपनी चाची पर भूत पिशाच करने का आरोप लगाकर मारा.दूसरी घटना : गुमला थाना के असनी नवाटोली गांव में डायन बिसाही का आरोप लगाकर पड़ोसियों ने वृद्ध दंपत्ती कांटे उरांव व चंपू उराईन की टांगी से काटकर हत्या कर दी थी. पहले साथ में खाया पीया. इसके बाद मार दिया.तीसरी घटना : डुमरी थाना क्षेत्र के करनी गांव में 55 वर्षीय लिभली मुंडाईन की बेरहमी से टांगी से काटकर हत्या कर दी गयी. पुलिस छानबीन में पता चला कि डायन बिसाही के कारण हत्या हुई थी. चौथी घटना : घाघरा थाना क्षेत्र के दोदांग गांव में 55 वर्षीय लोहरा देवी की गांव के लोगों ने हत्या करने के बाद मसरिया नदी में फेंक दिया था. तीन दिन बाद शव मिला था. भूत प्रेम पालने का आरोप लगाकर हत्या की थी. पांचवीं घटना : गुमला थाना के रेकमा गांव में 55 वर्षीय तुलसी उरांव व 45 वर्षीय गंदोरी मुंडा की हत्या करने के बाद जोलो नदी में शव को गाड़ दिया गया था. दोनों के ऊपर डायन बिसाही का आरोप लगाया गया था.अशिक्षा के कारण अंधविश्वास फैल रहा है : डीएसपीडीएसी डॉक्टर कैलाश करमाली ने कहा कि अभी भी गुमला के ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा का स्तर कम है. यही वजह है कि गांव में रहनेवाले लोग पुरानी रूढि़यों में जकड़े हुए हैं. कुछ लोग रोजी रोटी कमाने के लिए भूत, प्रेत, तंत्र, मंत्र का सहारा लेते हैं. इसका प्रभाव होता है कि अगर किसी के घर में कोई बीमार होता है या फिर मर जाता है, तो ओझागुणी करने वाले लोग किसी वृद्ध पर दोष लगा देते हैं. इससे प्रतिशोध में पीडि़त परिवार हत्या कर देता है. अंधविश्वास के खिलाफ जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है. लेकिन गुमला के कई गांव दूरस्थ क्षेत्रों में है. जहां हम पहुंच नहीं पाते हैं. जिस कारण ग्रामीण क्षेत्र अभी भी अंधविश्वास में जकड़े हुए हैं. इसके लिए गांव के पढे़ लिखे लोगों को आगे आने की जरूरत है.
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अंधविश्वास से अब तक पार नहीं पा सके गांव
: गुमला जिले में वर्ष 2011 में 21, 2012 में 26, 2013 में 30 व 2014 में अबतक 15 लोग अंधविश्वास की भेट चढ़ चुके हैं.प्रतिनिधि, गुमलाअंधविश्वास कहने से ही भूत, प्रेत, आत्मा, छूआछूत व डायन बिसाही जैसी प्राचीन काल से चली आ रही अंधविश्वासी बातें मन में बैठ जाती है. इस हाईटेक युग में […]
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