गुमला : वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग गुमला के तत्वावधान में वन्य प्राणी सप्ताह (दो से आठ अक्तूबर तक) के अंतर्गत शुक्रवार को गुमला के मुख्य कार्यालय परिसर में कार्यक्रम का आयोजन किया गया. कार्यक्रम में जिले के विभिन्न गांवों में गठित वन प्रबंधन समिति के अध्यक्ष, सचिव व वनरक्षी शामिल हुए.
इन्हें डीएफओ श्रीकांत वर्मा ने वन्य प्राणियों की सुरक्षा करने और वन यूज प्लास्टिक का उपयोग बंद करने के लिए प्रेरित किया. डीएफओ ने कहा कि वन्य प्राणियों की सुरक्षा बहुत ही जरूरी है. क्योंकि जैसे-जैसे वनों में वन्य प्राणियों की संख्या घट रही है, वैसे-वैसे उसका प्रतिकूल प्रभाव इंसानी जीवन पर भी पड़ रहा है. वन में रहने वाले वन्य प्राणी हो अथवा गांव, टोला, कस्बा या शहर में रहने वाले इंसान. सभी एक-दूसरे के पूरक हैं. कभी-कभी ऐसा होता है कि लोग लालच में आकर वज्रकीट, हाथी, बाघ सहित कई प्रकार के वन्य प्राणियों को मार देते हैं और उसके अंग की या तो बिक्री करते हैं अथवा खा जाते हैं.
परंतु वन्य प्राणियों को मारने वाले कभी ये नहीं सोचते हैं कि उनके नहीं रहने से हमारे जीवन पर क्या प्रभाव पड़ेगा. वहीं वन यूज प्लास्टिक की चर्चा करते हुए कहा कि इस प्रकार के प्लास्टिक से जीवन को सबसे ज्यादा खतरा है. आप लोग इसकी जानकारी दूसरे लोगों तक पहुंचा कर उन्हें जागरूक करने का काम करें. इस अवसर पर रेंजर जोन रोबर्ट तिर्की, वनपाल घनश्याम चौरसिया, वनरक्षी अकील अहमद, राजेश मिश्रा, पुष्पा बखला, राजेश्वरी रानी, सनील राम, भिखराम उरांव, लिवनुस, वन प्रबंधन समिति के अध्यक्ष उदय सिंह, जगलाल साहू, अगन महतो, मंगल उरांव, जगजीवन सिंह, पूनम मिंज, शमीम अंसारी, बंधनु भगत सहित कई लोग उपस्थित थे.