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परमवीर चक्र विजेता के प्रखंड में नहीं है अस्पताल, बीमार पड़ने पर इलाज कराने छत्तीसगढ़ जाते हैं लोग

दुर्जय पासवान, गुमला झारखंड की माटी के लाल परमवीर चक्र विजेता लांस नायक शहीद अलबर्ट एक्का, जिसे पूरा हिंदुस्तान नमन करता है. जिनके आदम्य साहस की कहानी सुन कर सीना चौड़ा हो जाता है. लेकिन दुर्भाग्य है. इस महान सपूत के प्रखंड जारी में अस्पताल नहीं है. आज भी जारी प्रखंड के लोग इलाज के […]

दुर्जय पासवान, गुमला

झारखंड की माटी के लाल परमवीर चक्र विजेता लांस नायक शहीद अलबर्ट एक्का, जिसे पूरा हिंदुस्तान नमन करता है. जिनके आदम्य साहस की कहानी सुन कर सीना चौड़ा हो जाता है. लेकिन दुर्भाग्य है. इस महान सपूत के प्रखंड जारी में अस्पताल नहीं है. आज भी जारी प्रखंड के लोग इलाज के आभाव में मरते हैं. बीमार पड़ने पर इलाज कराने के लिए छत्तीसगढ़ राज्य जाना पड़ता है. क्योंकि छत्तीसगढ़ राज्य ठीक जारी प्रखंड से सटा हुआ है.

चूंकि गुमला आने वाली सड़क खराब है. इस सड़क से बीमार तो दूर गर्भवती को भी लाना खतरनाक है. इस कारण लोग गुमला, चैनपुर व डुमरी जाने के बजाये छत्तीसगढ़ राज्य चले जाते हैं. क्योंकि शहीद के प्रखंड का कई गांव छत्तीसगढ़ राज्य से सटता है. सड़क भी अच्छी है. इस कारण लोग आसानी से छत्तीसगढ़ राज्य के अस्पताल में जाकर इलाज कराते हैं.

इधर, जारी प्रखंड में अस्पताल नहीं बनने पर शहीद परिजनों ने कहा कि सरकार बताये कि हम इलाज के लिए कहां जाये? बीमार पड़ने पर या तो मरना पड़ेगा या फिर इलाज के लिए छत्तीसगढ़ राज्य जाना पड़ेगा. सरकार से मांग किया है कि अधूरे पड़े अस्पताल का निर्माण कराकर जल्द स्वास्थ्य सुविधा जारी प्रखंड में उपलब्ध कराये.

पांच करोड़ का अस्पताल नहीं बना

जारी प्रखंड बनने के बाद वर्ष 2011 में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का निर्माण शुरू किया गया. पांच करोड़ रुपये की लागत से अस्पताल भवन बन रहा था. आधा काम हो गया है. पीलर खड़ा होकर दीवार भी कुछ बहुत खड़ा हो गयी है. कुछ हिस्सों में ढलाई भी हो गयी है. लेकिन वर्ष 2012 में जारी प्रखंड की जनसंख्या कम बताकर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का निर्माण रोक दिया गया. इसके बाद से फिर काम नहीं हुआ. जिस कारण आज तक काम बंद है.

जबकि जारी प्रखंड के पांच पंचायत के 52 गांव में करीब 33 हजार आबादी है. इतनी आबादी होने के बाद भी जारी प्रखंड में अस्पताल नहीं बन रहा है. यहां दुर्भाग्य इस बात का है कि इसी क्षेत्र के सांसद व कई नेता विधायक बने हैं. इसके बावजूद शहीद के प्रखंड में अस्पताल नहीं बन रहा है और लोगों को बीमार होने पर भटकना पड़ रहा है.

झोलाछाप के चंगुल में शहीद का प्रखंड

जारी प्रखंड में अस्पताल नहीं है. प्राथमिक स्वास्थ्य उपकेंद्र है. तो उसकी स्थिति भी दयनीय है. नर्स नहीं रहते हैं. जिसका नतीजा है. शहीद के प्रखंड के लोग झोलाछाप डॉक्टर के चंगुल में फंसे हुए हैं. रात में अगर बीमार होने पर लोग छत्तीसगढ़ राज्य या गुमला नहीं आ पाये तो गांव के ही झोलाछाप डॉक्टर से लोग इलाज कराते हैं. इसमें कभी कभी तो लोगों को अपनी जान भी गंवानी पड़ती है.

लोगों का नेताओं से उठ रहा भरोसा

जारी प्रखंड की जो दुर्दशा है. खराब सड़क व स्वास्थ्य सुविधा नहीं होने से अब लोगों को नेताओं से भरोसा उठ रहा है. जारी प्रखंड अक्सर कमीशनखोरी व भ्रष्टाचार के कारण सुर्खियों में रहा है. यहां कमीशन को लेकर जनप्रतिनिधि आपस में लड़ते रहे हैं. केस भी हुआ है. जेल भी जाना पड़ा है. लेकिन जनता की समस्या को दूर करने के लिए जनप्रतिनिधि आवाज नहीं उठा रहे हैं.

जारी प्रखंड की प्रमुख समस्या

– प्लस टू स्कूल में शिक्षक नहीं है.

– कॉलेज नहीं. बच्चे बाहर पढ़ने जाते हैं.

– स्टेडियम नहीं है. खिलाड़ी कुंठित हैं

– अस्पताल नहीं है, इलाज में परेशानी.

– 52 गांवों सिंचाई की सुविधा नहीं है.

– सड़क खराब है. आवागमन में परेशानी है.

– कई सरकारी भवन अधूरे पड़े हुए हैं.

– आईटीआई कॉलेज की शुरूआत नहीं हुई.

जारी प्रखंड में है पांच पंचायत

जारी प्रखंड में पांच पंचायत हैं. इनमें जरडा पंचायत के अंतर्गत 13 गांव है. जनसंख्या 5408 है. कुल क्षेत्रफल 415.756 हेक्टेयर है. गोविंदपुर पंचायत के अंतर्गत नौ गांव है. जनसंख्या 4933 है. कुल क्षेत्रफल 3735.94 हेक्टेयर है. सीसी करमटोली के अंतर्गत 12 गांव है. जनसंख्या 4870 है. क्षेत्रफल 928.952 हेक्टेयर है. सिकरी पंचायत के अंतर्गत 10 गांव है. जनसंख्या 5281 है. कुल क्षेत्रफल 4334 हेक्टेयर है. मेराल पंचायत के अंतर्गत आठ गांव है. जनसंख्या 5208 है. कुल क्षेत्रफल 4564.992 हेक्टेयर है.

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