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शहीद जतरा टाना भगत के पैतृक गांव के लोगों की, फरियाद : पीएम आवास नहीं, हमें चाहिए शहीद आवास

शहीद चिंगरी गांव के ग्रामीणों की मार्मिक पुकार है. हमारे दुख को समझें और हमारी फरियाद सुनें. दुर्जय पासवान@गुमला सूबे के मुख्यमंत्री रघुवर दास ने रांची में बुधवार को घोषणा की थी कि झारखंड राज्य के शहीदों के आश्रितों को प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत सरकार घर देगी. सीएम की इस घोषणा के एक दिन […]

शहीद चिंगरी गांव के ग्रामीणों की मार्मिक पुकार है. हमारे दुख को समझें और हमारी फरियाद सुनें.

दुर्जय पासवान@गुमला

सूबे के मुख्यमंत्री रघुवर दास ने रांची में बुधवार को घोषणा की थी कि झारखंड राज्य के शहीदों के आश्रितों को प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत सरकार घर देगी. सीएम की इस घोषणा के एक दिन बाद गुरुवार को वीर शहीद जतरा टाना भगत के पैतृक गांव चिंगरी के लोगों ने पीएम आवास नहीं. शहीद आवास की मांग की है. गांव के लोगों ने सरकार से कहा है कि हुजूर, हमें प्रधानमंत्री आवास नहीं, शहीद आवास चाहिए. यह हम ग्रामीणों की मार्मिक पुकार है. हमारे दुख को समझें और हमारी फरियाद सुनें.

इस संबंध में गांव के लोगों ने राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन व बिशुनपुर विधानसभा क्षेत्र के विधायक चमरा लिंडा को ज्ञापन भी सौंपा है. उक्त ज्ञापन के माध्यम से भी ग्रामीणों ने कहा है कि शहीद ग्राम चिंगरी में शहीद आवास न देकर प्रधानमंत्री आवास दिया जा रहा है. इसलिए ग्रामीणों ने हेमंत सोरेन से शहीद आवास दिलाने की मांग की है. यहां बता दें कि बिशुनपुर प्रखंड के चिंगरी गांव वीर शहीद स्वतंत्रता सेनानी जतरा टाना भगत की जन्मभूमि व कर्मभूमि है.

इस गांव को शहीद ग्राम के रूप में चिहिन्त किया गया है. लेकिन गांव के लोगों का कहना है कि इस गांव का जितना विकास होना था. उतना नहीं हुआ. यहां तक कि खुद शहीद के परिवार सरकारी लाभ से वंचित है. गांव के लोगों के अनुसार कोयल नदी से पक्की सड़क तक मोरम सड़क निर्माण होना चाहिए. क्योंकि अभी सड़क नहीं रहने से परेशानी होती है. खेल मैदान चारों तरफ से खुला है. इसकी चहारदीवारी होनी चाहिए. सरना स्थल की घेराबंदी की जाए. चिंगरी में बस पड़ाव की स्थापना हो. जिससे गांव में बस का ठहराव हो सके और शहीद के गांव के लोगों को कहीं आने-जाने में परेशानी न हो.

जल संकट को दूर करने के लिए गांव में डीप बोरिंग किया जाना चाहिए. शहीद ग्राम में जगह-जगह सोलर लाइट लगाया जाए. ताकि बिजली नहीं रहने पर सोलर लाइट से पूरा गांव जगमग हो सके. गांव की महिला समूह की लीलावती देवी, रविमंती देवी, मनसरी देवी, निमनो देवी, सूरजमुनी देवी, राधिका देवी, संध्या देवी, जयमती देवी के अलावा गांव के श्रवण उरांव, कलेश्वर उरांव, तपस्वी भगत, फौदा बड़ाइक, घुड़ा उरांव, चंदन चीक बड़ाइक, विष्णु दयाल उरांव, देवभरत खेरवार, बाबूलाल उरांव, किशुन, करमचंद भगत ने कहा है कि हमारा गांव जरूर शहीद ग्राम है. लेकिन अभी भी इस गांव का संपूर्ण विकास नहीं हो सका है.

टाना भगत विश्रामागार की जरूरत

चिंगरी गांव, शहीद जतरा टाना भगत के नाम से जाना जाता है. इस गांव में लंबे समय से टाना भगत विश्रामागार की मांग हो रही है. लेकिन किसी ने विश्रामागार बनाने की पहल नहीं की है. एक बार फिर टाना भगत प्रखंड कमेटी ने विधायक चमरा लिंडा से विश्रामागार बनवाने की मांग की है. जिससे गांव में आने वाले अतिथियों का विश्रामागार में स्वागत किया जा सके. साथ ही आपात स्थिति में टाना भगत भी बैठक कर सकें या आश्रय ले सकें.

वादा रहा, सरकार बनी, तो बदलेंगे तसवीर : हेमंत

चिंगरी गांव के लोगों की समस्या सुनने व टाना भगतों से बात करने के बाद पूर्व सीएम हेमंत सोरेन ने कहा, मैं शहीद जतरा टाना भगत को नमन करता हूं. मैं इस धरती को नमन करता हूं. जहां वीर पुत्र जतरा टाना भगत ने जन्म लिया था. लेकिन मुझे दुख है कि इस वीर भूमि का विकास नहीं हो सका है. मैं वादा करता हूं. आपको वचन देता हूं. अगर हमारी सरकार बनी, तो चिंगरी गांव की तसवीर व यहां के लोगों की तकदीर बदलेंगे. उन्होंने विधायक चमरा लिंडा से गांव के विकास के लिए पहल करने के लिए कहा है.

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